धनबाद: बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) के लोडिंग प्वाइंटों पर काम करने वाले मजदूरों ने कोयला आपूर्ति में कमी और आवश्यक सुविधाओं के अभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उनका कहना है कि अगर लोडिंग प्वाइंटों पर पर्याप्त कोयला उपलब्ध हो, तो मजदूरों की संख्या बढ़ सकती है और उन्हें रोजगार मिल सकता है।
पहले बीसीसीएल के लोडिंग प्वाइंटों पर एक लाख से अधिक मजदूर काम करते थे, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर केवल 100-150 रह गई है। यह बदलाव आउटसोर्सिंग कंपनियों के आगमन और अंडरग्राउंड माइनिंग के कम होने के कारण हुआ है। पहले जहां लोडिंग प्वाइंटों में रौनक रहती थी, अब वहां कम काम और सुविधाओं का अभाव देखा जाता है।
लोडिंग प्वाइंटों की अहमियत कभी बहुत अधिक थी, जहां राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई भी होती थी, लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है। इन प्वाइंटों पर काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि पहले जहां रोजाना 70-80 ट्रक लोडिंग के लिए कोयला मिलता था, अब वह संख्या घटकर सप्ताह में चार से पांच ट्रक तक सीमित हो गई है।
मजदूरों ने कहा कि यदि लोडिंग प्वाइंटों पर पर्याप्त कोयला आपूर्ति की जाए, तो न केवल उनके काम के घंटे बढ़ेंगे, बल्कि मजदूरी में भी वृद्धि हो सकती है। साथ ही, मजदूरों ने बीसीसीएल प्रबंधन से कुछ प्रमुख सुविधाओं की मांग की है:
सुझाव:
- सभी लोडिंग प्वाइंटों पर पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराया जाए ताकि मजदूरों को काम मिल सके।
- शौचालय की व्यवस्था की जाए, जिसमें कम से कम घेराबंदी हो ताकि सीसीटीवी से बचा जा सके।
- पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो, ताकि मजदूरों और ट्रक चालकों को पानी के लिए बाहर न जाना पड़े।
- डस्ट से बचाव के उपाय किए जाएं।
- असंगठित मजदूरों की तरह ट्रक लोडिंग मजदूरों को भी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
शिकायतें:
- लोडिंग प्वाइंटों पर शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है।
- ठंडा और शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं होता।
- आराम करने के लिए शेड की व्यवस्था नहीं है, जिससे मजदूर धूप और बारिश से बच नहीं पाते हैं।
मजदूरों का कहना है कि अगर इन मुद्दों पर ध्यान दिया जाए, तो उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकता है और वे अधिक काम करने में सक्षम हो सकते हैं। वे उम्मीद करते हैं कि बीसीसीएल प्रशासन इन समस्याओं को शीघ्र सुलझाएगा ताकि उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।