पीएम मोदी ने प्रमुख मंत्रियों और अर्थशास्त्रियों के साथ की अहम बैठक, ‘अगली पीढ़ी के सुधारों’ पर चर्चा

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नई दिल्ली, 18 अगस्त 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वरिष्ठ मंत्रियों, सचिवों और प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का मुख्य एजेंडा देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए ‘अगली पीढ़ी के सुधारों’ की रूपरेखा तैयार करना था।

इस अहम बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जैसे प्रमुख मंत्री उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, बुनियादी ढांचे में सुधार और शासन को मजबूत बनाने के लिए रणनीतिक नीतियां तैयार करना था।

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान ‘जीवन सुगमता’ (Ease of Living), ‘व्यापार सुगमता’ (Ease of Doing Business) और समग्र समृद्धि को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में त्वरित सुधारों को लागू करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

बैठक के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “अगली पीढ़ी के सुधारों के रोडमैप पर चर्चा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। हम सभी क्षेत्रों में त्वरित सुधारों के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे जीवन सुगमता, व्यापार सुगमता और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।”

बैठक का समय और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ

यह बैठक ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हुई है, जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। इसके अतिरिक्त, यह विदेश मंत्री एस. जयशंकर की रूस यात्रा से ठीक पहले हुई है। यह घटनाक्रम संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों में अनिश्चितताओं के बीच बीजिंग और मॉस्को दोनों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों का संकेत देता है।

हाल ही में अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के मामले में भारत पर दबाव बनाने के उद्देश्य से भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया है। इस अमेरिकी टैरिफ से भारत का लगभग 40 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित हो सकता है, जिसमें रत्न, आभूषण, वस्त्र और जूते जैसे उत्पाद शामिल हैं। इसी के चलते, 25-29 अगस्त को होने वाली भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार वार्ता का छठा दौर भी स्थगित कर दिया गया है।

अमेरिकी टैरिफ के जवाब में, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में ‘स्वदेशी’ (मेड इन इंडिया) उत्पादों को अपनाने की वकालत की थी और अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों की सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया था।

Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher