पटना, 8 अप्रैल, 2025: आज संपन्न हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक में कुल 27 महत्वपूर्ण एजेंडों पर निर्णय लिए गए। बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव, डॉ. एस. सिद्धार्थ ने प्रेस को संबोधित करते हुए इन निर्णयों की विस्तृत जानकारी दी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा कदम: 20,016 नए पदों का सृजन
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि मंत्रिपरिषद् ने स्वास्थ्य विभाग के तहत लोक स्वास्थ्य संवर्ग (Public Health Cadre) एवं अस्पताल प्रबंधन संवर्ग (Hospital Management Cadre) के गठन हेतु विभिन्न स्तर के कुल 20,016 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा सेवाओं के निरंतर विकास के लिए संकल्पित है। प्रशासनिक सुगमता और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर प्रबंधन के लिए आधुनिक चिकित्सा विधा में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत तीन नए निदेशालय – (क) लोक स्वास्थ्य निदेशालय, (ख) स्वास्थ्य सेवाएँ निदेशालय एवं (ग) चिकित्सा शिक्षा निदेशालय – के गठन को भी स्वीकृति दी गई है।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
- शहरी विकास: नगर विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत केंद्र प्रायोजित अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत-2.0) के तहत मोतिहारी सिवरेज नेटवर्क परियोजना के लिए ₹3,99,87,28,000/- और बक्सर जलापूर्ति परियोजना के लिए ₹1,56,01,32,000/- की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।
- शिक्षा: शिक्षा विभाग के तहत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति संबद्धता विनियमावली, 2011 (यथा संशोधित, 2013) के प्रावधानों को पूरा करने वाले राज्य के अनुदानित 626 माध्यमिक विद्यालयों की अवधि एक वर्ष (31.03.2026 तक) के लिए बढ़ाई गई। इसके साथ ही, प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने और विद्यालयों के सतत निरीक्षण के लिए “बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली, 2025” के गठन को स्वीकृति दी गई।
- खान एवं भूतत्व: लघु, मध्यम एवं अन्य उद्योगों को उचित मूल्य पर कोयला आपूर्ति के लिए बिहार स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन लि. को अगले पाँच वर्षों (01.04.2025 से 31.03.2030 तक) के लिए राज्य नामित एजेंसी के रूप में नामित किया गया।
- वित्त: सातवें राज्य वित्त आयोग के गठन को पूर्वव्यापी स्वीकृति दी गई और आयोग के अध्यक्ष को मंत्री तथा सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया।
- मंत्रिमंडल सचिवालय: बिहार के मंत्री (वेतन एवं भत्ते) नियमावली-2006 में संशोधन को स्वीकृति दी गई।
- उर्दू निदेशालय: मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, उर्दू निदेशालय के अंतर्गत सहायक उर्दू अनुवादक के पूर्व से सृजित 1653 पदों को समाप्त करते हुए विभिन्न कार्यालयों के लिए सहायक उर्दू अनुवादक के कुल 3306 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
- आयुष: पटना के नवाब मंजिल में 50 शैय्यायुक्त एकीकृत आयुष अस्पताल के संचालन के लिए 36 पदों के सृजन को मंजूरी दी गई।
- सामान्य प्रशासन: बिहार कर्मचारी चयन आयोग में डाटा एंट्री ऑपरेटर के 29 और कार्यालय परिचारी के 6 पदों सहित कुल 35 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
- मद्य निषेध: रोहतास, औरंगाबाद, पश्चिमी चंपारण, बेगूसराय, किशनगंज और गोपालगंज में एक-एक नया उत्पाद रसायन प्रयोगशाला खोलने और इन कार्यालयों के लिए कुल 48 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
- कृषि: कृषि विभाग के अंतर्गत लिपिक संवर्ग के 2590 पदों के पुनर्गठन को स्वीकृति दी गई।
- अन्य: वित्त विभाग के तहत प्रेस एवं फॉर्म्स, गया में पुरानी मशीनों की बिक्री के लिए मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड को अधिकृत किया गया। बिहार आकस्मिकता निधि के स्थायी काय को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अस्थायी रूप से ₹350 करोड़ से बढ़ाकर ₹10,000 करोड़ करने की स्वीकृति दी गई। बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला तकनीकी कर्मी संवर्ग (संशोधन) नियमावली, 2025 को स्वीकृति दी गई। राजस्व न्यायालयों के आधुनिकीकरण के लिए ₹38,12,10,210.00 की स्वीकृति दी गई। नवादा में 132/33-के०वी० ग्रिड उपकेन्द्र निर्माण के लिए बिहार स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी लि. को भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दी गई। पटना के गुरूगोविंद सिंह सदर अस्पताल परिसर में आम रास्ते के लिए भूमि उपयोग की स्वीकृति दी गई। शिक्षा विभाग में दो परामर्शी पदों पर नियुक्ति को पूर्वव्यापी स्वीकृति दी गई। स्वास्थ्य विभाग में दो कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने और एक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की स्वीकृति दी गई। नगर विकास एवं आवास विभाग में एक कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गई। बिहार दंत शिक्षा सेवा (ट्यूटर सहित) संवर्ग नियमावली -2025 को स्वीकृति दी गई। मुजफ्फरपुर में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) अस्पताल निर्माण के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दी गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में नगर निकायों के विद्युत बिलों के भुगतान के लिए ₹301.18 करोड़ की स्वीकृति दी गई। बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 का अवधि विस्तार नई नीति अधिसूचित होने तक किया गया।
संतोष श्रीवास्तव “अंजान जी”
मुख्य संपादक सह प्रकाशक