पटना, 11 अप्रैल, 2025 – बिहार सरकार पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह बात आज बिहार के माननीय पर्यटन मंत्री श्री राजू कुमार सिंह ने सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित एक विभागीय प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने प्रेस प्रतिनिधियों को बिहार पर्यटन विभाग की वर्तमान नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।
इस प्रेस वार्ता में पर्यटन सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (बीएसटीडीसी) के प्रबंध निदेशक श्री नन्द किशोर, उप सचिव श्रीमती इन्दु कुमारी एवं महाप्रबंधक श्री चन्दन चैहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
माननीय पर्यटन मंत्री श्री राजू कुमार सिंह ने कहा कि पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और सामाजिक विकास के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। यह न केवल बिहार की पहचान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करता है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को बढ़ाता है और विकास में सहायक होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आधुनिक पर्यटन सुविधाओं का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और पिछले वर्षों में बिहार पर्यटन ने लगातार प्रगति की है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य बिहार को एक आकर्षक और समृद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में बिहार में लगभग 6.60 करोड़ पर्यटक आए, जिनमें लगभग 6.50 करोड़ भारतीय और 7.30 लाख विदेशी पर्यटक शामिल थे।
राज्य में पर्यटन सुविधाओं और आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए वर्ष 2024-25 में ₹1328.00 करोड़ की विभिन्न नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। माननीय मुख्यमंत्री जी की प्रगति यात्रा के दौरान पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार हेतु पूरे राज्य में कई परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है, जिन पर वर्तमान में कार्य चल रहा है। राजधानी पटना में पर्यटकों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तीन पांच सितारा होटलों का निर्माण किया जा रहा है। होटल पाटलिपुत्र अशोक, बांकीपुर बस स्टैंड और सुल्तान पैलेस परिसर की भूमि पर पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में होटल निर्माण के लिए निविदाएं प्रकाशित की जा चुकी हैं, जिससे राज्य में लगभग ₹1000 करोड़ का निवेश आने की संभावना है। पर्यटकों की सुविधा के लिए सीतामढ़ी, रोहतास और बक्सर जिलों में बजट होटलों के निर्माण हेतु ₹84.27 करोड़ और मुंगेर जिले के असरगंज में तीर्थयात्री शेड तथा कैफेटेरिया के निर्माण हेतु ₹14.88 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
श्री राजू कुमार सिंह ने आगे जानकारी दी कि राज्य सरकार रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, सूफी सर्किट और इको सर्किट के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। अयोध्या में राम मंदिर की तर्ज पर पुनौराधाम में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए ₹120 करोड़ की लागत से 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। वाल्मिकी नगर में लवकुश आश्रम, बक्सर में रामरेखा घाट, अहिल्या स्थान और फुलहर स्थान में भी विकास योजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त, राजगीर के ब्रह्मकुंड का विकास भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
पर्यटन सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने पर्यटन नीति में किए गए संशोधनों की जानकारी देते हुए बताया कि नीति में छोटे निवेशकों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। प्रमुख पर्यटन केंद्रों जैसे पटना, गया-बोधगया, राजगीर-नालंदा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर को छोड़कर जिला मुख्यालयों में चार सितारा होटल की सीमा और निवेश की राशि को कम कर दिया गया है, ताकि अधिक संख्या में लोग इस क्षेत्र में निवेश कर सकें। जिला मुख्यालयों में अब थ्री स्टार होटल के लिए ₹7.5 करोड़ का निवेश और अनुमंडल स्तर पर टू स्टार होटल के लिए ₹5 करोड़ की निवेश सीमा निर्धारित की गई है। इसके अलावा, स्वीकृत परियोजना लागत के 100% की अधिकतम सीमा के अंतर्गत एसजीएसटी के 80% की प्रतिपूर्ति और पात्र पर्यटन परियोजनाओं के लिए वाणिज्यिक संचालन (सीओडी) की तिथि से पांच वर्षों की बजाय अब सात वर्षों तक प्रतिपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने बताया कि नीति में कुछ नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं। पात्र नई पर्यटन परियोजनाओं को 05 वर्षों की अवधि के लिए ईएसआई और ईपीएफ योजना में नियोक्ता अंशदान के लिए व्यय का 100% अथवा ₹3,000 प्रति कर्मी, जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति होगी। यह प्रतिपूर्ति केवल बिहार के निवासियों के संबंध में ही मान्य होगी। वहीं, दिव्यांगों को रोजगार प्रदान करने वाली पात्र पर्यटन परियोजनाओं को प्रति परियोजना अधिकतम 05 कर्मियों के अधीन प्रति कर्मी ₹1,500 प्रति माह के पारिश्रमिक की प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह प्रतिपूर्ति भी बिहार के निवासियों के संबंध में ही अनुमान्य होगी।
प्रेस वार्ता में बीएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक श्री नन्द किशोर, उप सचिव श्रीमती इन्दु कुमारी एवं महाप्रबंधक श्री चन्दन चैहान सहित अन्य पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे।
Santosh Srivastava “Anjaan Jee”