पटना, 29 अगस्त, 2025 – राज्य में सड़क दुर्घटनाओं, विशेषकर राजमार्गों पर ऑटो दुर्घटनाओं में लगातार हो रही मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए, बिहार पुलिस मुख्यालय ने एक सख्त चेतावनी जारी की है। अब ओवरलोडिंग जैसी लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं में मृत्यु होने पर वाहन चालक और मालिक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (पूर्व में आईपीसी की धारा 304 II) के तहत 10 साल तक की जेल का प्रावधान होगा।
हाल के महीनों में हुई कुछ प्रमुख दुर्घटनाएँ:
- 23 फरवरी, 2025 को मसौढ़ी में ऑटो दुर्घटना में 7 लोगों की मृत्यु।
- 29 मई, 2025 को डुमरिया घाट (मोतिहारी) में ऑटो दुर्घटना में 4 लोगों की मृत्यु।
- 31 जुलाई, 2025 को जमुई में ऑटो दुर्घटना में 3 लोगों की मृत्यु।
- 23 अगस्त, 2025 को शाहजहाँपुर (पटना) में ऑटो दुर्घटना में 9 लोगों की मृत्यु।
पुलिस के अनुसार, इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवरलोडिंग है। ऐसी स्थिति में पीड़ितों को बीमा का लाभ भी नहीं मिल पाता है। यह जानते हुए भी कि वाहन ओवरलोड है, चालक और मालिक ऐसा करते हैं, जो एक गंभीर अपराध है। इसी तरह, बड़े वाहनों जैसे बसों में अनफिट वाहन या अप्रशिक्षित चालकों का उपयोग करने पर भी यही धाराएं लागू होंगी। मालवाहक वाहनों में यात्रियों को ढोना भी इसी श्रेणी का अपराध माना जाएगा।
पुलिस की अपील और सख्त निर्देश
- राज्य पुलिस ने वाहन मालिकों और चालकों से निम्नलिखित अपेक्षाएँ की हैं:
- ओवरलोडिंग से बचें: वाहन में क्षमता से अधिक और चालक सीट के बगल में यात्रियों को न बैठाएं।
- सही लेन में चलें: वाहनों को निर्धारित लेन में चलाएं और ओवर-स्पीडिंग से बचें।
- वाहन की स्थिति: वाहन की हेडलाइट, साइड लाइट और इंडिकेटर हमेशा ठीक रखें। यात्री ऐसे अनफिट वाहनों का उपयोग न करें।
- निर्धारित स्थान पर रुकें: चौक-चौराहों से 50 मीटर की दूरी पर या निर्धारित स्थान पर ही गाड़ी खड़ी करें। यात्री भी ऐसी जगहों पर वाहन में न बैठें जिससे यातायात बाधित हो।
- लाइसेंस और आयु: वाहन मालिक यह सुनिश्चित करें कि चालक के पास वैध लाइसेंस हो और वह नाबालिग न हो।
चालकों से अपेक्षाएं:
- वाहन चलाते समय यातायात नियमों और संकेतों का पालन करें।
- वाहन निर्धारित गति सीमा में ही चलाएं।
- ओवरटेक करने की जल्दबाजी न करें।
- सीट बेल्ट का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें।
- लेन ड्राइविंग का पालन करें।
सड़क सुरक्षा हेतु योजनाएं
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए, राज्य के 3000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों को 61 विशेष वाहनों (FTE) से कवर किया गया है। इन वाहनों को डायल 112 कंट्रोल रूम से नियंत्रित किया जा रहा है। इन वाहनों में GPS भी लगाया गया है ताकि उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। इस योजना के दूसरे चरण में 58 और वाहनों को तैनात किया जाएगा, जिसका लक्ष्य 2030 तक राजमार्गों पर दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाना है।
वर्ष 2025 में (जनवरी से जुलाई तक), यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 1,73,142 वाहनों का चालान किया गया है, जिसके तहत 26.27 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
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Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher