Anjaan Jee –
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बोकारो, 11 सितंबर 2025 – गुरुवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उप विकास आयुक्त (DDC) शताब्दी मजूमदार ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की गहन समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त नाराजगी जताई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
लापरवाही पर सख्त रुख
बैठक में कई प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों (MOIC) की अनुपस्थिति पर डीडीसी ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने सिविल सर्जन को तुरंत निर्देश दिया कि सभी अनुपस्थित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे भविष्य की बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें।
गर्भवती महिलाओं की जांच और ममता वाहन सेवा
डीडीसी ने गर्भवती महिलाओं की एंटीनेटल केयर (ANC) जांच की धीमी प्रगति पर भी असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कसमार, नावाडीह और बेरमो जैसे प्रखंडों में जांच की संख्या और गुणवत्ता में सुधार के लिए युद्धस्तर पर काम करने का निर्देश दिया।
उन्होंने ‘ममता वाहन’ सेवा में हो रही अवैध वसूली पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि चालकों द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि मांगने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। उन्होंने संबंधित MOIC को इसकी सख्त निगरानी करने का निर्देश दिया और कहा कि इस संबंध में पत्र जारी करने के साथ-साथ फ्लेक्स होर्डिंग भी लगाए जाएँ।

टीबी, कुपोषण और संस्थागत प्रसव पर जोर
बैठक में बोकारो को संस्थागत प्रसव के मामले में राज्य के शीर्ष तीन जिलों में शामिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया। अधिकारियों को इसके लिए एक विशेष कार्य योजना बनाकर ‘मिशन मोड’ में काम करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, सभी बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।
यक्ष्मा (टीबी) की पहचान के लिए एक विशेष अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया। डीडीसी ने अधिकारियों को जिले के 11 ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिरों’ में अधूरे कार्यों को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने का सख्त निर्देश दिया। बैठक में कुपोषण उपचार केंद्रों और मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की भी समीक्षा की गई।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. ए.बी. प्रसाद, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. एन.पी. सिंह, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. रेणु भारती सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।