संजय कुमार विनीत : राजनीतिक विश्लेषक
विश्व भर में चल रही उथल-पुथल और अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को जीएसटी सुधारों के लिए बधाई दी। उन्होंने घोषणा की कि 22 सितंबर से ‘जीएसटी बचत उत्सव’ शुरू होने जा रहा है, जिससे हर भारतीय को फायदा होगा। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए देश के लघु, सूक्ष्म और कुटीर उद्योगों की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि यह सरकार का देश को समृद्धि की ओर ले जाने का एक सराहनीय कदम है।
नवरात्रि की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये ‘नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स’ भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देंगे। उन्होंने बताया कि ये बदलाव केवल टैक्स में कटौती नहीं हैं, बल्कि एक ‘बचत उत्सव’ हैं जो दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुओं को सस्ता बनाएंगे, जिससे उपभोग-संचालित विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इन सुधारों से घर खरीदना, इलेक्ट्रॉनिक सामान लेना, वाहन खरीदना और यात्रा करना सब कुछ आसान और सस्ता हो जाएगा। इसके साथ ही, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को भी दोहरा फायदा होगा—उनकी बिक्री बढ़ेगी और उन पर टैक्स का बोझ कम होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ‘नागरिक देवो भव:’ के मंत्र पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि आयकर और जीएसटी में दी गई छूट को मिलाकर देखें तो एक साल में देश के लोगों को 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी।
नए सुधारों के तहत, अब केवल 5% और 18% के दो टैक्स स्लैब होंगे। इसका मतलब है कि रोजमर्रा की ज्यादातर चीजें सस्ती हो जाएंगी। खाने-पीने की वस्तुएँ, दवाइयाँ, साबुन, पेस्ट और जीवन बीमा जैसी कई चीजें या तो टैक्स-फ्री होंगी या उन पर केवल 5% टैक्स लगेगा। जिन चीजों पर पहले 12% टैक्स लगता था, उनमें से 99% चीजें अब 5% के स्लैब में आ गई हैं।
प्रधानमंत्री ने सभी राज्य सरकारों से आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान से जुड़ने और निवेश का माहौल बनाने का आग्रह किया, ताकि हर राज्य के विकसित होने से भारत का विकास हो।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी से बाहर निकलकर समृद्धि की राह पकड़ी है और अब वे ‘नव-मध्यम वर्ग’ का हिस्सा हैं। इस वर्ष, सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री करके इस वर्ग को एक बड़ा तोहफा दिया है, जिससे उनके जीवन में सरलता आएगी।
प्रधानमंत्री ने नवरात्रि की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक नया और महत्वपूर्ण कदम है। 22 सितंबर से लागू होने वाले ये जीएसटी सुधार देश के गरीबों, मध्यम वर्ग, युवाओं, महिलाओं, किसानों और व्यापारियों को लाभ पहुँचाएँगे। यह ‘जीएसटी बचत उत्सव’ त्योहारों के इस मौसम में सभी के जीवन में खुशियाँ लाएगा और उनकी बचत बढ़ाएगा।