Anjaan Jee :
Editor in Chief & Publisher
पटना, 22 सितंबर 2025 – पटना का संजय गांधी जैविक उद्यान, जिसे पटना जू के नाम से भी जाना जाता है, गैंडा संरक्षण के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बनकर उभरा है। विश्व गैंडा दिवस के अवसर पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई कि गैंडा संरक्षण और प्रजनन में पटना जू का स्थान सैन डिएगो जू के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है। वर्तमान में यहाँ 10 गैंडे मौजूद हैं, जो इसे देश का शीर्ष चिड़ियाघर बनाता है।
कार्यक्रम की शुरुआत वन विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर ने गैंडा बाड़े के अवलोकन से की। उन्होंने यहाँ किए जा रहे संरक्षण और प्रजनन कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि गैंडा न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश की शान है, और इसका संरक्षण जैव विविधता के लिए बेहद ज़रूरी है।
इस मौके पर एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें बीएन कॉलेज, पटना वीमेंस कॉलेज और जेडी वीमेंस कॉलेज के जूलॉजी विभाग के छात्रों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने गैंडों की प्रजातियों, उनकी जीवन शैली और संरक्षण के प्रयासों पर विस्तृत जानकारी दी। छात्रों ने इस सत्र में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
प्रधान सचिव ने बताया कि पटना जू में गैंडा संरक्षण और प्रजनन केंद्र की स्थापना का उद्देश्य उन्हें प्राकृतिक आवास जैसा माहौल देना था। इस केंद्र में वर्तमान में छह नर गैंडे (प्रिंस, गणेश, युवराज, शक्ति, शक्तिराज, जंबो) और चार मादा गैंडे (घुटंगी, गौरी, गुड़िया, रानी) हैं।
जू ने अब तक 11 गैंडों को वन्य प्राणी विनिमय कार्यक्रम के तहत देश के अन्य चिड़ियाघरों में भेजा है और बदले में कई महत्वपूर्ण जानवरों को प्राप्त किया है, जिससे जैव विविधता को बढ़ावा मिला है। श्री आनंद किशोर ने लोगों से प्रकृति के प्रति लगाव बनाए रखने और धरती को और हरा-भरा बनाने में सहयोग करने की अपील की।
इस कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी.के. गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक एस. चंद्रशेखर और जू निदेशक हेमंत पाटील सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।