अयोध्या में रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 87 साल की उम्र में निधन हो गया। बुधवार सुबह 7 बजे लखनऊ पीजीआई में उन्होंने आखिरी सांस ली। 87 साल के सत्येंद्र दास बीते 34 साल से रामलला की सेवा कर रहे थे। वह अस्थायी टेंट से लेकर भव्य मंदिर में विराजमान होने तक रामलला के सेवक के तौर पर कार्य करते रहे। कुछ दिनों पहले ब्रेन स्ट्रोक के कारण तबीयत बिगड़ने के बाद लखनऊ के पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया था। वह हाई ब्लड प्रेशर और डायबीटिज से भी ग्रस्त थे।
सत्येंद्र दास 32 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे रामलला को गोद में लेकर भागे थे। आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर अयोध्या के सत्य धाम गोपाल मंदिर आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर सीएम योगी ने शोक जताया है। आचार्य सत्येंद्र दास को कल यानी 13 फरवरी को दोपहर 12 बजे जल समाधि दी जाएगी।
मूर्तियों के प्रकट होने के दावे और अभिराम दास जी की रामलला के प्रति सेवा देखकर सत्येंद्र दास बहुत प्रभावित हुए। उन्हीं के आश्रम में रहने के लिए उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया। सत्येंद्र दास ने 1958 में घर छोड़ दिया। उनके परिवार में दो भाई और एक बहन थीं। बहन का निधन हो चुका है। सत्येंद्र दास ने जब अपने पिता को संन्यास लेने का फैसला सुनाया तो उनके पिता ने भी कोई आश्चर्य जाहिर नहीं किया। साथ ही उन्होंने आशीर्वाद दिया। कहा- मेरा एक बेटा घर संभालेगा और दूसरा रामलला की सेवा करेगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सत्येंद्र दास के निधन पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा कि परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रधानमंत्री मोदी भी ने फ्रांस से शोक संदेश भेजे हैं। संतों और सनातनियों के बीच शोक की लहर है