सीसीएल मुख्यालय में पाँच दिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन: हिंदी अनुवाद की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर

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रांची, 06 जून 2025: सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के मुख्यालय स्थित प्रकाश सभागार में आज पाँच दिवसीय संक्षिप्त अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। यह कार्यक्रम सीसीएल के राजभाषा विभाग ने केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से 02 जून से 06 जून, 2025 तक आयोजित किया था।

हिंदी अनुवाद की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाना उद्देश्य

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीसीएल में प्रशासनिक कार्यों के दौरान हिंदी अनुवाद की गुणवत्ता, सटीकता और सुगमता को सुदृढ़ बनाना था। प्रतिभागियों को प्रतिदिन दो सत्रों में व्यावहारिक और प्रक्रियात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया गया, ताकि वे अपने कार्यक्षेत्र में अधिक दक्षता और भाषाई संवेदनशीलता के साथ हिंदी का प्रयोग कर सकें।

महाप्रबंधक (राजभाषा) ने किया प्रतिभागियों को प्रेरित

समापन समारोह के मुख्य अतिथि सीसीएल के महाप्रबंधक (राजभाषा) श्री संजय कुमार ठाकुर थे। उन्होंने केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो से पधारी सहायक निदेशक श्रीमती लेखा सरीन को सम्मानित किया। अपने संबोधन में श्री ठाकुर ने सभी प्रतिभागियों को सक्रिय सहभागिता के लिए बधाई देते हुए कहा, “इस कार्यक्रम की सफलता तभी पूर्ण रूप से सार्थक होगी जब प्रतिभागी प्रशिक्षण में अर्जित ज्ञान का समुचित उपयोग अपने कार्यस्थलों पर करें।” उन्होंने अनुवाद के क्षेत्र में निरंतर अभ्यास, तकनीकी उपकरणों की जानकारी और व्यावहारिक अनुप्रयोग पर विशेष बल दिया।

राजभाषा नीति और तकनीकी पहलुओं पर प्रशिक्षण

प्रशिक्षण सत्रों का संचालन केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार से पधारे सहायक निदेशक श्रीमती लेखा सरीन और डॉ. मोहन चंद्र बहुगुणा द्वारा किया गया। उन्होंने ‘संघ की राजभाषा नीति’, ‘कार्यालयीन अनुवाद की प्रविधियाँ’ तथा ‘तकनीकी उपकरणों के प्रयोग’ जैसे विषयों पर व्यावहारिक, विश्लेषणात्मक और सहभागितात्मक सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान किया।

समापन अवसर पर केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल सीसीएल की राजभाषा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह कर्मचारियों की भाषाई दक्षता एवं व्यावसायिक क्षमता को विकसित करने की दिशा में भी एक सराहनीय पहल है।


Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher

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