Anjaan Jee :
Editor in Chief & Publisher
पटना, 19 सितंबर 2025 – बिहार पुलिस की विशेष इकाई, आर्थिक अपराध इकाई (EOU), राज्य में आर्थिक और साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। यह इकाई न सिर्फ मामलों की जाँच करती है, बल्कि साइबर जागरूकता फैलाने और पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने का भी काम कर रही है।
आर्थिक अपराध पर कार्रवाई
- अवैध कमाई: EOU ने भागलपुर के जिला अवर निबंधक विनय सौरभ के खिलाफ उनकी वैध आय से 188.23% अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
- पेपर लीक: नीट 2017 और एसएससी परीक्षा में गड़बड़ी से जुड़े मामलों के आरोपी अश्विनी कुमार उर्फ बबलू भूमिहार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
- आधार डेटा चोरी: आधार डेटा और बायोमेट्रिक की हेराफेरी के आरोप में तीन लोगों – रामप्रवेश कुमार, विकास कुमार और मिथिलेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इन पर सिलिकॉन फिंगरप्रिंट का उपयोग कर पहचान की चोरी करने का आरोप है।
साइबर अपराधों की रोकथाम
आर्थिक अपराध इकाई साइबर सुरक्षा को मजबूत करने पर भी लगातार काम कर रही है। इसके तहत पिछले कुछ महीनों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं:
- प्रशिक्षण: मई 2025 से अब तक 825 से अधिक पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराध से निपटने का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा, 61 पुलिसकर्मियों को AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और ML (मशीन लर्निंग) टूल्स पर दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है।
- जागरूकता: 8 सितंबर को पटना के वीमेंस कॉलेज में साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- साइबर प्रहार: जनवरी से जुलाई 2025 के बीच 152 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि अगस्त में 12 और गिरफ्तारियां हुईं।
- मोबाइल और IMEI ब्लॉक: अगस्त में 749 मोबाइल फोन और 211 IMEI नंबर ब्लॉक किए गए।
- सोशल मीडिया पर निगरानी: जनवरी से जुलाई के बीच 371 विवादित/भ्रामक पोस्ट हटाए गए, जबकि अगस्त में 39 ऐसे पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने मादक पदार्थों और ड्रग्स से संबंधित मामलों को संभालने के लिए ‘मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो’ का भी गठन किया है, जिससे इस क्षेत्र में और अधिक प्रभावी कार्रवाई की जा सके।