“हम बकरीद पर ज्ञान नहीं देते, आप दिवाली पर मत दें” : धीरेंद्र शास्त्री

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Anjaan Jee : Editor in Chief & Publisher

छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिवाली से पहले पटाखों पर जारी बहस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब हिंदू त्योहारों की बात आती है तो कुछ लोग पर्यावरण और प्रदूषण के नाम पर ‘ज्ञान’ देने लगते हैं, जबकि दूसरे मजहबों के त्योहारों पर कोई टिप्पणी नहीं की जाती। मुंबई में सिद्धि विनायक गणेश मंदिर के दर्शन के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा — “हम बकरीद और ताजिए पर ज्ञान नहीं देते, तो आप भी दिवाली और होली पर हमें ज्ञान न दें।”

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि प्रदूषण को लेकर चिंता करना सही है, लेकिन यह चिंता सिर्फ दिवाली तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “पटाखे कम चलाने चाहिए, यह बात ठीक है, लेकिन केवल दिवाली पर ही लोगों को उपदेश न दें। यह हमारी विनम्र प्रार्थना है, क्योंकि हम तो पटाखे जरूर फोड़ेंगे।” शास्त्री ने साथ ही कहा कि कुछ फिल्मी अभिनेता और तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता सिर्फ हिंदू त्योहारों पर नैतिकता का भाषण देते हैं, जबकि अन्य धार्मिक अवसरों पर चुप रहते हैं।

उन्होंने इस दौरान हिंदू राष्ट्र की स्थापना और यमुना नदी की शुद्धि को लेकर 7 नवंबर से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा निकालने की घोषणा भी की। शास्त्री ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य लोगों को सनातन संस्कृति से जोड़ना और यमुना के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना है। उन्होंने बताया कि पदयात्रा के दौरान वे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से अपील करेंगे कि यमुना को स्वच्छ बनाया जाए ताकि “जल ठाकुर जी को चढ़ाने योग्य बन सके।”

धीरेंद्र शास्त्री ने “आई लव मोहम्मद” और “आई लव महादेव” विवाद पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसी धर्म के प्रति प्रेम प्रकट करना गलत नहीं है, लेकिन “सर तन से जुदा” जैसे उग्र नारों का समर्थन नहीं किया जा सकता। उनका कहना था — “आई लव मोहम्मद कहना गलत नहीं है, पर आई लव महादेव कहना भी गलत नहीं होना चाहिए। भारत की संस्कृति सह-अस्तित्व की है, न कि धमकी और हिंसा की।”

उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म शाश्वत है — “जिसका न आदि है न अंत, वही सनातन है। तीन हजार साल पहले पूरी पृथ्वी पर सनातनी ही रहते थे। आज भी अगर कोई अपने पूर्वजों की जड़ें खोजे, तो वे सनातन से ही जुड़े मिलेंगे।” शास्त्री का कहना था कि “भारत में रहने वाले ज्यादातर मुसलमान मूल रूप से कन्वर्टेड हैं, जबकि असली मुसलमान वे हैं जो दूसरे देशों में रहते हैं।”

धीरेंद्र शास्त्री के इन बयानों ने एक बार फिर धार्मिक और राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है। जहां समर्थक इसे “हिंदू स्वाभिमान की आवाज” बता रहे हैं, वहीं विरोधियों का कहना है कि ऐसे बयान समाज में विभाजन बढ़ाने वाले हैं। दिवाली से ठीक पहले आया उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

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