श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष को राहत देते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह को लेकर चल रहे विवाद में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को राहत देते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया. मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से मुकदमों की विचारणीयता को चुनौती देने वाली अर्जी को अस्वीकार कर दिया और कहा कि ये मुकदमे विचारणीय हैं और हिंदू पक्ष की याचिका सुनने योग्य है. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर अर्जी (ऑर्डर 7 नियम 11 सीपीसी के तहत) पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और वाद बिंदु तय करने के लिए 12 अगस्त की तारीख भी निर्धारित की है.
हिंदूवादियों ने मुकदमे में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद को “हटाने” की मांग की है, दावा करते हुए कि यह मस्जिद औरंगजेब के शासनकाल में मंदिर के विध्वंस के बाद बनाई गई थी. हालांकि, मस्जिद प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने तर्क दिया है कि ये मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत वर्जित हैं, जो स्वतंत्रता के समय किसी भी पूजा स्थल की स्थिति को बदलने पर रोक लगाता है.
अयोध्या विवाद की तरह, मथुरा मामले में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट सीधे तौर पर मंदिर पक्ष की ओर से दाखिल 18 मुकदमों पर एकसाथ सुनवाई कर रहा है. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने 31 मई को ही निर्णय सुरक्षित कर लिया था, लेकिन इसके बाद मस्जिद प्रबंधन की ओर से अधिवक्ता महमूद प्राचा ने सुनवाई का मौका देने की मांग की थी, जिसके बाद दो दिन की अतिरिक्त सुनवाई की गई.