काठमांडू, नेपाल: नेपाल की राजधानी काठमांडू में राजशाही समर्थकों के प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है, जिससे एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं। बढ़ती हिंसा और तनाव के मद्देनजर नेपाल प्रशासन ने काठमांडू के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया है, जबकि त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शाम को एक आपात कैबिनेट बैठक बुलाई है। इस बैठक में हिंसा के कारणों की जांच, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और हवाई अड्डे को फिर से खोलने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
प्रदर्शनकारियों द्वारा 2008 में नेपाल के धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित होने के बाद से राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की पुनर्स्थापना की मांग की जा रही है। ये प्रदर्शन पिछले कुछ दिनों से जारी थे और मंगलवार को हिंसा में तब्दील हो गए, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
वहीं, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत समाजवादी) के कार्यालय पर भी हमला किया गया। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने काठमांडू के तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास भी झड़पें हुईं, जिसके बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया, जो नेपाल की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस बीच, विपक्षी दलों ने सरकार पर हिंसा को नियंत्रित करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है, जबकि राजशाही समर्थक दलों ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है।
नेपाल में इस समय चल रहा राजनीतिक संकट देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है। आने वाले दिनों में सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष और समाधान की दिशा नेपाल के भविष्य को आकार दे सकती है।