Anjaan Jee :
Editor in Chief & Publisher
पटना, 23 सितंबर 2025 – बिहार सरकार के योजना एवं विकास विभाग ने आज जन्म और मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 और नियमावली को सही तरीके से लागू करना है, जिससे इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता लाई जा सके।
योजना एवं विकास विभाग के मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इस पहल का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है कि सीआरएस (Civil Registration System) पोर्टल को नियमित रूप से अपडेट किया जाए, ताकि डेटा की सटीकता बनी रहे और प्रमाणपत्र जारी करने में पारदर्शिता आए।
इस प्रशिक्षण में अधिकारियों को पंजीकरण, रिकॉर्ड संरक्षण और ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया के नियमों और दायित्वों के बारे में जानकारी दी गई।
आम नागरिकों की सुविधा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
- 30 दिन से एक साल तक की घटनाओं का पंजीकरण: अब प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी कर सकते हैं।
- एक साल से पुरानी घटनाओं का पंजीकरण: इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी/कार्यपालक पदाधिकारी आदेश जारी कर सकेंगे।
- कम विलंब शुल्क: विलंबित पंजीकरण के लिए लगने वाले शुल्क को भी कम किया गया है।
ये बदलाव आम लोगों के लिए जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जैसी महत्वपूर्ण सेवा को और अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाएँगे। यह प्रमाणपत्र स्कूल में दाखिला, राशन कार्ड, संपत्ति के बँटवारे और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ज़रूरी होता है।
इस मौके पर योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री के. सेंथिल कुमार भी मौजूद थे।