पंचांग 21/05/2024 • May 21, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 21/05/2024 • May 21, 2024
बैशाख शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | त्रयोदशी तिथि 05:39 PM तक उपरांत चतुर्दशी | नक्षत्र चित्रा 05:46 AM तक उपरांत स्वाति | व्यातीपात योग 12:35 PM तक, उसके बाद वरीयान योग | करण तैतिल 05:40 PM तक, बाद गर |
मई 21 मंगलवार को राहु 03:06 PM से 04:46 PM तक है | चन्द्रमा तुला राशि पर संचार करेगा |

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