रांची, 19.03.2025 – रांची में आगामी सरहुल पर्व को लेकर केंद्रीय सरना समिति और केंद्रीय सरना संघर्ष समिति ने बुधवार को बैठक आयोजित की। बैठक में सरहुल को धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया और इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की चर्चा हुई। प्रमुख आकर्षण सरहुल शोभायात्रा होगी, जिसमें पारंपरिक परिधानों में लोग शामिल होंगे और साथ ही घरों में सरना झंडा लगाने की अपील की गई है।
उपवास, पूजा और शोभायात्रा का कार्यक्रम तय
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने बताया कि इस वर्ष सरहुल पर्व 31 मार्च को उपवास के साथ शुरू होगा। इसके बाद, 1 अप्रैल को पूजा का आयोजन किया जाएगा और शोभायात्रा निकाली जाएगी। फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरहुल पर्व आदिवासियों का सबसे बड़ा त्योहार है, जिसे पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा।
शोभायात्रा में पारंपरिक परिधान पहनने की अपील
केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि इस साल की सरहुल शोभायात्रा में लोग पारंपरिक परिधान पहनकर ढोल, नगाड़ा और मांदर के साथ शामिल होंगे। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस महापर्व को अपनी संस्कृति के अनुरूप धूमधाम से मनाएं।
सरहुल की तैयारी पर चर्चा
केंद्रीय सरना संघर्ष समिति की बैठक कांके रोड स्थित कार्यालय में हुई, जिसमें सरहुल की शोभायात्रा और अन्य आयोजनों की तैयारी पर विस्तृत चर्चा की गई। समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप ने बताया कि 30 मार्च को उपवास के बाद नदी और तालाब से मछली-केकड़ा पकड़ने की परंपरा निभाई जाएगी। रात में जल रखाई का कार्यक्रम होगा और 31 मार्च को पूजा के बाद 1 अप्रैल को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।
सरना झंडा लगाने की अपील
शिवा कच्छप ने सरना धर्मावलंबियों से पूजा के दिन अपने घरों में सरना झंडा लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारी संस्कृति और परंपराओं को मजबूत बनाने का अवसर है, और हमें इसे एकजुट होकर मनाना चाहिए।
इस बैठक में सती तिर्की, संगीता गाड़ी, अनिता उरांव, भानु उरांव, कुईली उरांव, बसंती कुजूर, पार्वती टोप्पो, शोभा तिर्की सहित कई अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
सम्पूर्ण रांची में इस बार सरहुल पर्व एक नए उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा।