बिहार सरकार ने पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के लिए लिए कई बड़े फैसले

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Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher

पटना, 02 सितंबर, 2025 – बिहार सरकार ने पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्गों के कल्याण और शैक्षणिक उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में छात्रवृत्ति योजनाओं के विस्तार और आधुनिक आवासीय विद्यालयों के निर्माण से संबंधित प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।

छात्रवृत्ति योजनाओं का विस्तार

केंद्र प्रायोजित PM-YASASVI योजना के तहत, वित्तीय वर्ष 2025-26 से दो प्रमुख छात्रवृत्ति योजनाओं का संचालन किया जाएगा:

  • पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति: सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस योजना पर सालाना ₹231.67 करोड़ का खर्च अनुमानित है।
  • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति: कक्षा 9वीं और 10वीं में पढ़ने वाले पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति मिलेगी। इस योजना के लिए ₹55.50 करोड़ का वार्षिक व्यय अनुमानित है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो छात्र इन केंद्रीय योजनाओं से वंचित रह जाएंगे, उन्हें राज्य सरकार की अपनी ‘मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति योजना’ के तहत लाभ दिया जाएगा।

दो नए आवासीय विद्यालयों का निर्माण

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवास सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से दो नए आवासीय विद्यालयों के निर्माण को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है:

  • पटना (बिहटा): बिहटा के महुआँर में 520 सीटों वाले अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय उच्च विद्यालय के निर्माण के लिए ₹58.07 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
  • सारण: सारण जिले में भी 520 सीटों वाले अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय उच्च विद्यालय के निर्माण के लिए ₹61.20 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

इन विद्यालयों के बनने से पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की छात्राओं को कक्षा 6 से 12 तक निःशुल्क आवास, भोजन और शिक्षा सामग्री सहित सभी आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी।

यह निर्णय दर्शाता है कि बिहार सरकार शिक्षा के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जिससे एक सशक्त और समावेशी बिहार का निर्माण हो सके।

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