बिहार में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कुपोषण से लड़ाई में बनीं सशक्त भागीदार

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पटना, 03 जून, 2025: बिहार में महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) अब पोषण और सशक्तिकरण की नई गाथा लिख रहे हैं। स्वयं महिलाओं द्वारा संचालित ‘टेक होम राशन’ (THR) उत्पादन इकाइयाँ, जैसे गया की ‘व्हीटामिक्स’ यूनिट, न केवल बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य में सुधार ला रही हैं, बल्कि हजारों महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बना रही हैं। गया इकाई की सफलता को देखते हुए, अब खगड़िया और मुजफ्फरपुर में चार और ऐसी ही इकाइयाँ शुरू करने की तैयारी है, जिससे राज्य में पोषण अभियान को और गति मिलेगी।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में लगभग 43% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, वहीं 60% से अधिक महिलाएं एनीमिया से जूझ रही हैं। ऐसे में, जीविका के तहत संचालित ‘व्हीटामिक्स’ जैसी पहलें उम्मीद की किरण बनकर उभरी हैं।

गया स्थित ‘रौशन जीविका महिला ग्राम संगठन’ द्वारा चलाई जा रही ‘व्हीटामिक्स’ इकाई 2014 से लगातार पोषक तत्वों से भरपूर THR का उत्पादन कर रही है। बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (BRLPS), निदान और GAIN के सहयोग से यह इकाई आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और गर्भवती-स्तनपान कराने वाली माताओं तक पोषण पहुँचा रही है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ललिता कुमारी बताती हैं, “THR के नियमित सेवन से कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है।” वहीं, लाभार्थी शांति देवी और मुन्नी देवी ने भी ‘व्हीटामिक्स’ से मिले स्वास्थ्य लाभ और परिवार में भोजन की कमी पूरी होने की बात कही। सुनीता देवी जैसी कई महिलाएँ इस यूनिट में काम करके आर्थिक रूप से स्वतंत्र हुई हैं।

भारत सरकार भी SHG महिलाओं को THR उत्पादन में शामिल करने का समर्थन करती है। गया यूनिट की सफलता से उत्साहित होकर, खगड़िया और मुजफ्फरपुर में दो-दो नई इकाइयाँ तैयार हैं, जो जल्द ही उत्पादन शुरू कर देंगी। यह विस्तार अधिक महिलाओं को सशक्त करेगा, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करेगा और बिहार के सबसे कमजोर तबके के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करेगा। यह सामुदायिक भागीदारी से पोषण सुनिश्चित करने का एक सशक्त मॉडल है।


Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher
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