राजा पीटर के कार्यकर्ताओं का मानवीय चेहरा: चुनाव प्रचार छोड़ गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया

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तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मंत्री राजा पीटर की महिला कार्यकर्त्ता टीम ने एक ऐसा काम किया जिसने चुनावी माहौल में इंसानियत की मिसाल कायम की। यह घटना तब हुई जब राजा पीटर की महिला कार्यकर्ता नंदा देवी, नूरजहां बेगम, और दिपी सान्डिल गांव-गांव जाकर राजा पीटर के लिए समर्थन जुटाने में व्यस्त थीं। उनका लक्ष्य था कि सुदूर गांवों तक पहुँच कर अधिक से अधिक लोगों को राजा पीटर के लिए वोट देने के लिए प्रेरित किया जाए। प्रचार अभियान के तहत उनकी टीम सालगाडीह पेंड़ाईडीह केनल रूट पर आगे बढ़ रही थी, तभी सुंदर नगर के पास उन्होंने सड़क के किनारे बैठे एक दंपति को देखा।

जैसे ही टीम ने करीब जाकर हालात का जायजा लिया, उन्हें पता चला कि महिला प्रसव पीड़ा से बुरी तरह कराह रही थी और अस्पताल पहुंचने में असमर्थ थी। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए महिला टीम ने तुरंत प्रचार को विराम दिया और महिला की मदद के लिए तत्पर हो गई। महिला और उसके पति ने बताया कि सड़क की खराब हालत के कारण एंबुलेंस इस इलाके में आने में आना-कानी करती है। संसाधनों की कमी के कारण यह परिवार बिना किसी मदद के, दर्द में सहायता की प्रतीक्षा कर रहा था।

महिला टीम ने निर्णय लिया कि चुनाव प्रचार से ज्यादा जरूरी उस महिला की चिकित्सा सहायता है। उन्होंने बिना किसी देरी के अपनी गाड़ी में गर्भवती महिला और उसके पति को बिठाया और तमाड़ के निकटतम अस्पताल पहुंचाया। वहाँ डॉक्टरों ने आवश्यक प्राथमिक उपचार किया, लेकिन महिला की स्थिति को देखते हुए उसे रांची के बड़े अस्पताल में रेफर करने की सलाह दी गई। महिला टीम ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए महिला को रांची ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की और आर्थिक मदद भी प्रदान की, ताकि वहां पहुँचने पर इलाज में कोई कठिनाई न हो।

रांची के अस्पताल में पहुंचने के बाद महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित और स्वस्थ हैं। देर शाम महिला के परिजनों ने महिला टीम को फोन कर इस मदद के लिए तहे दिल से आभार व्यक्त किया। महिला के परिवार ने कहा कि यदि समय पर मदद न मिलती, तो स्थिति काफी गंभीर हो सकती थी।

इस घटना की जानकारी जब पूर्व मंत्री राजा पीटर को मिली तो उन्होंने इस मानवीय कार्य की सराहना की और कहा कि उन्हें अपने समर्थकों पर गर्व है। राजा पीटर ने कहा, “मेरे कार्यकर्ता न केवल मेरे समर्थन में काम कर रहे हैं, बल्कि वे जनता के असली सेवक हैं। चुनाव प्रचार के बीच उन्होंने यह साबित किया कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है।” उन्होंने इसे अपने अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया कि उनके समर्थक जनता की सेवा और मदद के लिए हर परिस्थिति में तैयार रहते हैं।

यह घटना सोशल मीडिया पर भी काफी सराही गई, जहाँ लोगों ने राजा पीटर की टीम की प्रशंसा करते हुए इसे चुनाव प्रचार से ऊपर मानवता की जीत का प्रतीक बताया। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और सड़क की खराब स्थिति जैसी वास्तविक समस्याओं को भी इस घटना ने उजागर किया। खराब सड़कों के कारण एंबुलेंस की दिक्कत एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे कई ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित हैं। इस घटना ने सरकार के सामने ऐसे क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता को भी बल दिया।

राजा पीटर की टीम द्वारा किए गए इस कार्य ने न केवल राजा पीटर के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाया है, बल्कि यह संदेश भी दिया कि एक सच्चा नेता केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि लोगों के बीच रहकर उनकी सहायता के लिए काम करता है। इस घटना ने साबित किया कि चुनावी माहौल में भी इंसानियत और सेवा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

अंततः यह कहना गलत नहीं होगा कि राजा पीटर की टीम का यह कदम चुनावी राजनीति में एक सकारात्मक संदेश लेकर आया है। चुनावी प्रचार अभियान के बीच इस मानवीय सेवा ने जनता के दिलों में राजा पीटर और उनकी टीम के लिए एक अलग स्थान बना दिया है, जहाँ सेवा और इंसानियत सबसे ऊपर है।

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