पटना, बिहार – 22 मार्च 2025 : लेट्स इंस्पायर बिहार ने अपने चौथे स्थापना दिवस को ‘विकसित बिहार संकल्प महासभा-2025’ के रूप में पटना के बापू सभागार में बड़े धूमधाम से मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर, लेट्स इंस्पायर बिहार के मुख्य समन्वयक श्री अभिनन्दन यादव को बिहारवासियों को एक विकसित भारत बनाने के लिए प्रेरित करने और इस आंदोलन को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बिहार पुलिस के IG और लेट्स इंस्पायर बिहार के संस्थापक आदरणीय IPS श्री विकास वैभव द्वारा “विकसित बिहार संकल्प सम्मान-2025” से सम्मानित किया गया। इस आंदोलन का उद्देश्य बिहार की सांस्कृतिक जड़ों – शिक्षा, समानता और उद्यमिता की पुनर्स्थापना करना है।
विकास वैभव जो इस आंदोलन के संरक्षक हैं, ने मंच से गर्व और उत्साह के साथ कहा, “यह लेट्स इंस्पायर बिहार परिवार के लिए गर्व का पल है, जो बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और गौरवपूर्ण इतिहास पर आधारित एक प्रेरक आंदोलन के रूप में शुरू हुआ था। आज तक इस अभियान से लगभग 2 लाख लोग जुड़ चुके हैं।” उन्होंने आगे कहा, “करीब तीन महीने पहले, दिल्ली के भारत मंडपम में हम बिहार के विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत कर चुके थे। आज जब मैं बापू सभागार को हजारों प्रतिबद्ध व्यक्तियों से भरा देखता हूं, तो मेरा दिल आशा से भर जाता है।”
विकास वैभव ने आगे कहा, “अब मुझे पूरा यकीन है कि बिहार में एक नई क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। यह क्रांति देश की अन्य क्रांतियों से अलग है। 1857 की क्रांति स्वतंत्रता के लिए थी, 1975 की क्रांति समाज में व्यवस्था परिवर्तन के लिए थी, लेकिन यह क्रांति शिक्षा, उद्यमिता और समानता के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए है।”
उन्होंने स्पष्ट किया, “इस अभियान का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। हमारा उद्देश्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, और यह बिहार के विकास के बिना संभव नहीं है। इसलिए, ‘बिहार के विकास के माध्यम से भारत का विकास’ हमारा मूल मंत्र है।”
विकास वैभव ने बिहार की आर्थिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला, “बिहार की प्रति व्यक्ति मासिक आय ₹5028 है, जो देश में सबसे कम है। वहीं, सिक्किम की प्रति व्यक्ति आय ₹48000 और तमिलनाडु की ₹32000 है। अगर बिहार की वार्षिक विकास दर 14.5% रही, तो अगले दस वर्षों में बिहार की प्रति व्यक्ति आय ₹20,000 तक पहुंच सकती है।” उन्होंने सभा से सवाल किया, “क्या हम बिहार को इतनी धीमी गति से आगे बढ़ते देखना चाहते हैं?” इस पर पूरा सभागार एकजुट होकर बोला, “नहीं!”
आईपीएस अधिकारी श्री विकास वैभव ने इस अभियान की शुरुआत के बारे में कहा, “जब यह अभियान शुरू हुआ था, तो मुझे भी इसकी सफलता पर संदेह था। लेकिन आज इस आंदोलन के तहत पूरे देश और बिहार के हर जिले में 2000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।” उन्होंने सभा को प्रेरित करते हुए कहा, “यह यात्रा लंबी होगी, लेकिन हमें धैर्य, साहस, ईमानदारी और दृढ़ता के साथ काम करना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा, “कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं राजनीति में क्यों नहीं जाता? अगर राजनीति से बदलाव संभव होता, तो मैं राजनीति में जाता। लेकिन मुझे लगता है कि असली परिवर्तन राजनीति से नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता लाकर आएगा।”
संतोष श्रीवास्तव “अंजान जी”
मुख्य संपादक सह प्रकाशक
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