झारखंड के पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ छत्तीसगढ़ एसीबी ने मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी

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रांची, 19 मार्च 2025: छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने झारखंड के पूर्व उत्पाद सचिव और वर्तमान पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह के खिलाफ शराब घोटाले में मुकदमा चलाने की अनुमति झारखंड सरकार से मांगी है। इस मामले की जांच छत्तीसगढ़ में शराब माफियाओं द्वारा झारखंड में अवैध शराब आपूर्ति और ठेकों के संबंध में की जा रही है।

एसीबी ने इस मामले में एक पत्र झारखंड सरकार को भेजा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ के कुछ अधिकारियों और कारोबारियों ने झारखंड में शराब नीति में बदलाव करवाए थे ताकि उनकी अवैध कमाई की राह सुगम हो सके। इसके तहत, शराब माफियाओं ने झारखंड में शराब दुकानों के लिए मैनपावर सप्लाई और ट्रैकिंग सिस्टम से जुड़े ठेके हासिल किए थे।

झारखंड के विकास कुमार द्वारा छत्तीसगढ़ एसीबी में दर्ज की गई शिकायत के बाद जांच शुरू हुई थी। प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी ने झारखंड सरकार के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोप है कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने झारखंड में भी मैनपावर सप्लाई और अन्य ठेके हासिल किए थे, जिससे इन माफियाओं को फायदा हुआ।

अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने झारखंड में शराब आपूर्ति और प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए निविदा शर्त में 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर की शर्त डाली, जिससे छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के सदस्य लाभान्वित हो सके। एसीबी की जांच में यह भी सामने आया है कि इस घोटाले में छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढबेर सहित अन्य लोग शामिल थे, जिन्होंने झारखंड में शराब नीति बदलवाई थी।

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है और हाल ही में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे के परिसरों पर छापेमारी की गई थी। ईडी ने धनशोधन जांच के तहत यह कार्रवाई की, जिसमें 30 लाख रुपये नकद और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त किए गए थे।

वर्तमान में, एसीबी की जांच जारी है और झारखंड सरकार से विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई है। यह शराब घोटाला दोनों राज्यों में चर्चा का विषय बना हुआ है और इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

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