पटना, 18.03.2025 : बिहार पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा और सम्मान पर आयोजित संवादात्मक सत्र ‘उड़ान’ में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार, बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए। इस सत्र का उद्देश्य समाज में महिलाओं की स्थिति और सुरक्षा के संदर्भ में जागरूकता फैलाना था।
महिला सशक्तिकरण में बिहार पुलिस की भूमिका पर डीजीपी का संबोधन
इस अवसर पर डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि बिहार पुलिस ने महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के लिए अलग महिला थाने और महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में वृद्धि की गई है, जो पूरे देश में किसी अन्य राज्य में नहीं है। बिहार पुलिस ने 35 प्रतिशत महिला आरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण काम किया है और आगामी वर्षों में और भी महिला पुलिसकर्मी इसमें जुड़ेंगे।
डीजीपी ने समाज में फैली अश्लीलता पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “अश्लीलता किसी भी रूप में क्षम्य नहीं है। इसे खत्म करने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करना होगा। महिलाओं को इस मुद्दे पर आवाज उठानी चाहिए और ऐसे कार्यक्रमों और गानों के खिलाफ कदम उठाने चाहिए जो समाज में गलत संदेश देते हैं।”
नीतू चंद्रा की अपील: अश्लील गानों के खिलाफ एकजुट हों महिलाएं
बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने भी कार्यक्रम में भाग लेते हुए समाज में फैल रही अश्लीलता पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भोजपुरी गानों की अश्लीलता बिहार को बदनाम कर रही है। नीतू ने महिला पुलिसकर्मियों से अपील की, “अब से हम ऐसे गाने न देखेंगे, न देखने देंगे, न सुनेंगे, न सुनने देंगे। जब तक हम आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक ये गाने बनते रहेंगे।”
नीतू ने महिला सशक्तिकरण के बारे में भी अपने विचार साझा किए, “मुझे विश्वास है कि अगर मैं मिडिल क्लास परिवार से निकलकर हॉलीवुड तक पहुंच सकती हूं, तो आप भी सब कुछ कर सकती हैं। बिहार पुलिस को अपनी उपलब्धियों का प्रचार करना चाहिए ताकि लोग असली बिहार को जान सकें।”
समाज में जेंडर इक्वालिटी और महिलाओं की सुरक्षा पर वरिष्ठ अधिकारियों के विचार
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी समाज में जेंडर इक्वालिटी की आवश्यकता पर जोर दिया। अपर पुलिस महानिदेशक अमित जैन ने कहा कि समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए सरकार और पुलिस दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। गृह विभाग की एडीजी/विशेष सचिव केएस अनुपम ने बताया कि बिहार सरकार ने कई कानून बनाए हैं, लेकिन समाज में ओछी मानसिकता को बदलने के लिए हर किसी को मिलकर काम करना होगा।
महिला पुलिसकर्मियों का उत्साहवर्धन
विशेष शाखा की डीआईजी हरप्रीत कौर ने महिला पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक स्वतंत्रता और शिक्षा महिला सशक्तिकरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। “जब तक महिलाएं अपने अधिकारों को समझकर खुद को मजबूत नहीं बनाएंगी, तब तक वे समाज में पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रह सकतीं।”
कार्यक्रम के अंत में महिला पुलिसकर्मियों ने अभिनेत्री नीतू चंद्रा से सवाल पूछे और अपने विचार साझा किए। इस कार्यक्रम ने यह साबित किया कि महिला सशक्तिकरण के लिए पुलिस, समाज और हर एक व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है। बिहार पुलिस के द्वारा उठाए गए कदम और महिला पुलिसकर्मियों के प्रयासों से राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षा और सम्मान की दिशा में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।