पटना, 18 अगस्त 2025 — बिहार पुलिस मुख्यालय ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ‘ऑपरेशन नया सवेरा’ के तहत मानव तस्करी और शोषण के शिकार 112 लोगों को बचाया गया है। पुलिस महानिदेशक, बिहार के निर्देश पर कमजोर वर्ग प्रभाग, अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा यह विशेष अभियान अंतर्राष्ट्रीय मानव व्यापार निरोध दिवस (30 जुलाई) के अवसर पर 31 जुलाई से 14 अगस्त तक चलाया गया था।
इस अभियान का उद्देश्य मानव व्यापार, बाल श्रम, अनैतिक देह व्यापार, और ऑर्केस्ट्रा/थिएटर ग्रुप से पीड़ित लोगों को मुक्त कराना, उनका पुनर्वास करना और उन्हें समाज में फिर से स्थापित करना था।
अभियान के प्रमुख आँकड़े
राज्य भर में चलाए गए इस अभियान के दौरान, जिला मानव व्यापार विरोधी इकाई, स्वयंसेवी संस्थाओं और रेलवे अधिकारियों के सहयोग से कुल 112 पीड़ितों को शोषण से मुक्त कराया गया। इनमें 41 नाबालिग लड़कियाँ, 7 महिलाएँ और 64 नाबालिग लड़के शामिल हैं।
पुलिस ने इन मामलों में 50 मानव तस्करों (28 पुरुष और 22 महिला) को गिरफ्तार किया। इन तस्करों के विरुद्ध IPC, बाल श्रम अधिनियम, अनैतिक देह व्यापार अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत 24 प्राथमिकी दर्ज की गईं। सभी गिरफ्तार तस्करों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
जिलों का प्रदर्शन और पीड़ितों की पृष्ठभूमिऑपरेशन के तहत विभिन्न जिलों से पीड़ितों को बचाया गया:
- अनैतिक देह व्यापार: पटना (2), किशनगंज (7), पूर्णिया (3), रोहतास (3), मधुबनी (1), और अररिया (3) से कुल 19 पीड़ितों को मुक्त कराया गया।
- ऑर्केस्ट्रा/थिएटर ग्रुप: सारण (29) और बेतिया (1) से कुल 30 पीड़ितों को बचाया गया।
- बाल श्रम: पटना (23), सीतामढ़ी (21), वैशाली (4), कटिहार (3), बगहा (1), मधुबनी (3) और रेलवे स्टेशनों (नरकटियागंज-2, सासाराम-6) से कुल 63 पीड़ितों को मुक्त कराया गया।
मुक्त कराए गए पीड़ितों में बिहार के अलावा अन्य राज्यों और देशों के लोग भी शामिल थे: नेपाल (3), पश्चिम बंगाल (13), उत्तर प्रदेश (4), ओडिशा (1), और झारखंड (1)।
‘ऑपरेशन नया सवेरा’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सारण जिले को प्रथम और पटना जिले को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, वर्ष 2025 में जनवरी से अभी तक राज्य में मानव तस्करी से संबंधित मामलों में कुल 329 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इन कार्रवाइयों में 1016 पीड़ितों (217 नाबालिग लड़कियाँ, 77 महिलाएँ, 722 नाबालिग लड़के) को शोषण से बचाया गया है। कुल 250 मानव तस्करों (197 पुरुष और 53 महिलाएँ) को गिरफ्तार किया गया है और उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गई है।
पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन से, कमजोर वर्ग, अपराध अनुसंधान विभाग ने ट्रांसजेंडर महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य के 855 थानों में पहले से स्थापित ‘महिला हेल्पडेस्क’ को अब ‘ट्रांस वुमन हेल्पडेस्क’ का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है। इसके लिए, कमजोर वर्ग प्रभाग ने जिला पुलिस के मार्गदर्शन हेतु मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी जारी की है।
वर्ष 2021 में स्थापित परामर्श प्रकोष्ठ ने भी उल्लेखनीय कार्य किया है। 17 अगस्त 2025 तक, पारिवारिक विवादों से संबंधित कुल 157 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 142 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। इनमें से 56 मामलों को आपसी समझौते के माध्यम से सुलझाया गया। वर्तमान में, 15 मामले प्रक्रियाधीन हैं।
Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher