सरकार की पारदर्शी खनन नीतियों ने कसी अवैध बालू खनन पर नकेल

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पटना, 9 अप्रैल, 2025: बिहार सरकार की प्रभावी और पारदर्शी खनन नीतियों तथा कुशल प्रशासन के परिणामस्वरूप खान एवं भूतत्व विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। विभाग ने राजस्व वसूली, अवैध खनन नियंत्रण, ओवरलोडिंग की समाप्ति, पुलिस प्रशासन में सुधार और नागरिक सुविधाओं में वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं।

  • 25 प्रतिशत बालूघाट सरेंडर होने के बावजूद खनन विभाग के राजस्व में हुई ऐतिहासिक वृद्धि
  • कार्य विभाग के सहयोग करने पर राजस्व समाहरण में आएगी और तेजी

ओवरलोडिंग पर पूर्ण नियंत्रण:

अक्टूबर 2024 में खनन नियमावली में किए गए सख्त प्रावधानों के चलते राज्यभर में बालू के अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है। इसके परिणामस्वरूप ओवरलोडिंग की समस्या लगभग समाप्त हो गई है, जिससे दंड मद में अपेक्षाकृत कम राशि की वसूली हुई है।

राजस्व वसूली में ऐतिहासिक उपलब्धि:

खान एवं भूतत्व विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अपने निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। विभाग ने ₹3500 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले कुल ₹3569 करोड़ का राजस्व संग्रह किया है, जो अब तक की सर्वाधिक वसूली है। यह महत्वपूर्ण सफलता विभाग के कुशल प्रबंधन और नियमित निगरानी का प्रत्यक्ष परिणाम है। उल्लेखनीय है कि लगभग 40 बालूघाटों के प्रत्यार्पण के बावजूद इस लक्ष्य को प्राप्त किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 114 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभाग का राजस्व संग्रह ₹1766 करोड़ था, जो वर्ष 2024-25 में दोगुने से भी अधिक बढ़कर ₹3569 करोड़ हो गया है।

सड़क एवं पुलों की सुरक्षा:

ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण से सड़कों और पुलों को होने वाले नुकसान में उल्लेखनीय कमी आई है। इससे सड़कों का रखरखाव आसान हुआ है और सरकार की मरम्मत लागत में भारी बचत हुई है। पहले ओवरलोडिंग करने वाले ट्रक पुलिस से बचने के लिए तेज गति से चलते थे, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती थी। अब इस प्रकार की घटनाओं में भारी कमी आई है, जिससे आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

पुलिस एवं थानों की जवाबदेही:

खनिज परिवहन करने वालों को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए, इसके लिए खनन पदाधिकारी की उपस्थिति में ही जांच करने और जांच तथा जब्ती की सूचना 24 घंटे के भीतर जिला समाहर्ता को देने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। इस व्यवस्था से पुलिस प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित हुई है।

अवैध खनन रोकने के लिए प्रोत्साहन योजना:

अवैध खनन की सूचना देने वाले “बिहारी खनन योद्धाओं” को ट्रैक्टर के लिए ₹5000 और अन्य बड़े वाहनों के लिए ₹10,000 का प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जा रहा है। अब तक कुल 59 लाभार्थियों को ₹3,25,000 की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है और शेष लाभार्थियों को भी शीघ्र ही राशि हस्तांतरित की जाएगी। यह प्रोत्साहन योजना भविष्य में भी जारी रहेगी।

संवेदकों पर सख्ती:

कार्य विभागों में उपयोग किए जाने वाले खनिजों की वैधता सुनिश्चित करने के लिए संवेदकों को अपने चालान और परमिट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने होंगे। नई खनन नीति के तहत यदि कोई संवेदक अवैध रूप से खनिज का उपयोग करता है, तो उस पर 25 गुना तक का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। सरकारी परियोजनाओं में अवैध खनिजों के उपयोग को पूर्णतः रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

अवैध खनन करने वालों पर कठोर कार्रवाई:

सरकार अवैध खनन करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के लिए पूर्णतः संकल्पित है। अवैध खनन से न केवल सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचता है, बल्कि पर्यावरण पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अवैध कारोबार करने वालों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी और उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।

निजी उपयोग के लिए अब मिट्टी मुफ्त:

गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए मिट्टी के स्वामित्व की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं कि निजी उपयोगकर्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।

वैध खनिज परिवहन के लिए पांच प्रतिशत तक लोडिंग में छूट:

राज्य सरकार ने वैध खनिज परिवहन करने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण प्रावधान किया है कि यदि किसी वाहन में लदा हुआ खनिज मात्रा चालान में दर्ज मात्रा से 5 प्रतिशत तक अधिक पाया जाता है, तो केवल अतिरिक्त मात्रा का ही शुल्क वसूला जाएगा।

खनन टास्क फोर्स की सक्रियता:

अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की प्रभावी निगरानी और रोकथाम के लिए जिला स्तर पर खनन टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यह टास्क फोर्स नियमित बैठकों के माध्यम से इन अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती है और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करती है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में की गई कार्रवाइयां:

विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक 33,012 छापेमारी की कार्रवाई की है, 3,475 प्राथमिकियां दर्ज की हैं, 1,252 लोगों को गिरफ्तार किया है, 10,702 वाहनों को जब्त किया है और ₹136 करोड़ 37 लाख का जुर्माना वसूल किया है।

अच्छे कार्य करने वाले पदाधिकारी होंगे पुरस्कृत:

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि खान एवं भूतत्व विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारियों को उचित सम्मान और प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे, ताकि वे और अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें। इसके विपरीत, राजस्व संग्रह में लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।

जन शिकायत प्रणाली:

अवैध खनन, परिवहन और भंडारण से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए विभाग ने हेल्पलाइन नंबर-0612-2215360, व्हाट्सएप नंबर 9472238821 और ईमेल minesccc-bih@gov.in, controlcommandmines@gmail.com जारी किए हैं। नागरिकों से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।

बालू के अवैध खनन, परिवहन और ओवरलोडिंग को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभागीय अधिकारी पुलिस और जिला प्रशासन के साथ पूर्ण समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्रवाई को अंजाम देंगे। आने वाले समय में विभाग की कार्यप्रणाली और भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगी।


Santosh Srivastava “Anjaan Jee”


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