पंचांग 28/05/2024 • May 28, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 28/05/2024 • May 28, 2024
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष पंचमी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | पंचमी तिथि 03:24 PM तक उपरांत षष्ठी | नक्षत्र उत्तराषाढ़ा 09:33 AM तक उपरांत श्रवण | ब्रह्म योग 02:06 AM तक, उसके बाद इन्द्र योग | करण तैतिल 03:24 PM तक, बाद गर 02:33 AM तक, बाद वणिज |

मई 28 मंगलवार को राहु 03:08 PM से 04:49 PM तक है | चन्द्रमा मकर राशि पर संचार करेगा |

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