श्राद्ध कर्म के नियम तथा पितरो को अन्न प्राप्ति का प्रकार
श्राद्ध कर्म में तर्पण, पिंडदान, दान, ब्राह्मण भोज और पंचबलि कर्म किया जाता है। इस कर्म से पितरों की तृप्ति होती है और उक्त…
श्राद्ध कर्म में तर्पण, पिंडदान, दान, ब्राह्मण भोज और पंचबलि कर्म किया जाता है। इस कर्म से पितरों की तृप्ति होती है और उक्त…
शरीर को शुद्ध रखने के लिए और तन-मन को निर्मल और पूर्णत: स्वस्थ रखने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया का नाम ‘नवरात्र’ है.…
हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दिनों का विशेष महत्व है। पितृ वे पूर्वज होते हैं, जिनका निधन हो चुका है। मृत्यु के बाद, व्यक्ति…
रुद्राभिषेक अर्थात रूद्र का अभिषेक करना यानि कि शिवलिंग पर रुद्रमंत्रों के द्वारा अभिषेक करना. जैसा की वेदों में वर्णित है शिव और रुद्र…
पति के दीर्घ जीवन के लिए यूं तो महिलाएं कई व्रत अनुष्ठान करती हैं. वट सावित्री व्रत हिंदू महिलाओं के लिए इस व्रत अनुष्ठान…
महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं जिनका संबंंध 12 राशियों से होता है. आइए जानते हैं किस ज्योतिर्लिंग की पूजा है आपके लिए महत्वपूर्ण… सावन…
ज्योतिषीय ग्रंथों में वर्णित नक्षत्रों के अनुसार 27 नक्षत्र बताएं गए हैं, उन सभी में से 6 नक्षत्र अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल एवं…
आज, शुक्रवार से ज्येष्ठ माह हो रहा है बड़ा मंगल. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व है. इस महीने में हनुमान जी…
सनातनी शास्त्र में दारिद्र रूपक अभिशाप जनित दुख-दुर्दशा से मुक्ति लाभ के लिए अष्टलक्ष्मी स्तोत्र-पाठ का निर्देश है. किन्तु समुचित कर्मयोग आधारित कठिन मेहनत…
हर वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि पर देवर्षि नारद जी की जयंती मनाई जाती है. शास्त्रों की माने तो नारद जी…