रांची, 03 मई, 2025: पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) और पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) ने आज एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य खनन के बाद खाली हुए क्षेत्रों (Mine Voids) में फ्लाई ऐश का सतत उपयोग करना है।
यह समझौता “Fly-ash utilization in Mine Void of Dakra OCP, NK Area, CCL from FY 2027-28” नामक परियोजना के तहत किया गया है, जिसे पर्यावरण पुनर्स्थापन और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।
समझौता ज्ञापन पर सीसीएल के एनके क्षेत्र के महाप्रबंधक और पीवीयूएनएल के पतरातू सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (STPP) के महाप्रबंधक (संचालन) ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर सीसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री चंद्र शेखर तिवारी, निदेशक (परियोजना एवं योजना) श्री शंकर नागाचारी और पीवीयूएनएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आर. के. सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में सीसीएल और पीवीयूएनएल के कई वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस समझौते का मुख्य लक्ष्य केवल फ्लाई ऐश का निपटान करना नहीं है, बल्कि इसे एक मूल्यवान संसाधन के रूप में इस्तेमाल करके खनन के बाद अनुपयोगी हो चुकी भूमि को फिर से उपयोगी बनाना है। यह पहल खनन क्षेत्रों में पर्यावरण को फिर से स्थापित करने, जल संरक्षण को बढ़ावा देने, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने और क्षेत्रीय जैव विविधता को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
यह समझौता ज्ञापन उन सतत प्रयासों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिनके माध्यम से सीसीएल पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान ढूंढते हुए टिकाऊ विकास की ओर अग्रसर है। यह पहल न केवल सरकार की “पर्यावरण हितैषी ऊर्जा और खनन” नीति का समर्थन करती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित विरासत का निर्माण करने का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher