पटना, 21 अगस्त 2025 — बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए पटना जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी और जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस. एम. ने बुधवार को बताया कि चुनाव कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कुल 16 विशेष कोषांगों (cells) का गठन किया गया है।
इन कोषांगों में वरीय नोडल पदाधिकारियों और नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारियाँ तय कर दी गई हैं ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही की कोई गुंजाइश न रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा और सभी कोषांगों को समयबद्ध तरीके से काम करने का निर्देश दिया गया है।
पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए 16 कोषांग
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, सुरक्षा और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए 16 कोषांगों में शामिल हैं:
- कार्मिक कोषांग: चुनाव में शामिल सभी कर्मियों का प्रबंधन।
- प्रशिक्षण कोषांग: मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण।
- सामग्री कोषांग: चुनावी सामग्री की व्यवस्था।
- वाहन कोषांग: वाहनों की व्यवस्था।
- आईटी और साइबर सिक्योरिटी कोषांग: तकनीकी और सुरक्षा संबंधी कार्यों की निगरानी।
- स्वीप कोषांग: मतदाताओं में जागरूकता फैलाना।
- विधि-व्यवस्था और सुरक्षा कोषांग: चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना।
- ईवीएम और वीवीपैट कोषांग: ईवीएम और वीवीपैट की व्यवस्था और रखरखाव।
- आदर्श आचार संहिता कोषांग: आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना।
- निर्वाचन व्यय लेखा अनुश्रवण कोषांग: चुनाव खर्च की निगरानी।
- मीडिया और सोशल मीडिया कोषांग: मीडिया से संबंधित कार्यों का प्रबंधन।
- शिकायत निवारण और वोटर हेल्पलाइन कोषांग: शिकायतों का समाधान।
- प्रेक्षक और प्रोटोकॉल कोषांग: प्रेक्षकों के लिए व्यवस्था और प्रोटोकॉल का पालन।
मतदाता जागरूकता पर विशेष जोर
डॉ. त्यागराजन ने बताया कि सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता कार्यक्रम (SVEEP) के तहत मतदाताओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिला स्वीप कोर कमेटी लगातार सक्रिय है और मतदाताओं को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
पटना जिले में कुल 14 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 5,665 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जो 2,982 मतदान केंद्र अवस्थितियों में स्थित हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि हर मतदाता को सहज और सुरक्षित वातावरण में मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रिया की सफलता की कुंजी सभी कोषांगों के बीच समन्वय और तालमेल है। इस बार का लक्ष्य है कि चुनाव केवल एक औपचारिकता न होकर लोकतांत्रिक भागीदारी का एक वास्तविक उत्सव बने।
Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher