Anjaan Jee : Editor in Chief & Publisher
पटना, 27 सितम्बर 2025 – कटिहार जिले के समेली प्रखंड स्थित धर्मपुर गांधी उच्च विद्यालय, नरहिया परिसर में आयोजित एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने 2005 से अब तक हर तबके के विकास के लिए निरंतर कार्य किया है। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि बीते दो दशकों में बिहार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति हासिल की है। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार में भय, असुरक्षा, अव्यवस्था और उपेक्षा का वातावरण था, लेकिन अब पूरे राज्य में शांति, सौहार्द और विकास का माहौल कायम हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 2005 के बाद हर वर्ग को समान अवसर दिया। समाज में धार्मिक और जातीय सौहार्द बनाए रखने के लिए कब्रिस्तानों और मंदिरों की घेराबंदी कराई गई, जिससे किसी भी तरह के विवादों पर पूर्ण विराम लगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में अब तक 2 लाख 58 हजार सरकारी शिक्षकों की बहाली की गई है, जिसमें 28,976 नियोजित शिक्षक शामिल हैं। अब तक 2 लाख 62 हजार नियोजित शिक्षक सरकारी शिक्षक बन चुके हैं, जिससे राज्य में सरकारी शिक्षकों की संख्या 5 लाख 20 हजार तक पहुँच गई है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन केवल एक-दो मरीज आते थे, जबकि अब प्रतिमाह औसतन 11,600 मरीज इलाज के लिए पहुँचते हैं। राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाकर 12 कर दी गई है और 20 जिलों में नए कॉलेजों की स्थापना जारी है। पटना मेडिकल कॉलेज को 5400 बेड का और अन्य पुराने कॉलेजों को 2500 बेड का बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2016 में राज्य के किसी भी कोने से 6 घंटे में पटना पहुँचने का लक्ष्य रखा गया था, जो पूरा हो चुका है। अब 5 घंटे में राजधानी तक पहुँचने का नया लक्ष्य रखा गया है। सात निश्चय योजना के तहत हर घर तक बिजली, पानी और सड़क पहुंचाने का काम पूरा किया गया है, जबकि सात निश्चय-2 के अंतर्गत सोलर स्ट्रीट लाइट, सिंचाई, टेलीमेडिसिन और बाल हृदय योजना जैसी सुविधाएं लागू की गई हैं।
रोजगार और युवाओं को लेकर उन्होंने कहा कि अब तक 49 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार प्रदान किया गया है। आने वाले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पंचायत और निकाय चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण, पुलिस और सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। वर्तमान में राज्य में 11 लाख स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं जिनसे 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियाँ जुड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जाति आधारित गणना के माध्यम से 94 लाख गरीब परिवारों की पहचान कर उन्हें आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये की सहायता एकमुश्त दी जाएगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये किया गया है और सभी उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है। महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की गई है जिसके तहत प्रत्येक घर की एक महिला को 10 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार का बजट अब 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है जबकि 2005 में यह केवल 28 हजार करोड़ रुपये था। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन और सिंचाई के क्षेत्र में कई परियोजनाएं चल रही हैं। हाल ही में बिहार को खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की मेजबानी मिली है जो राज्य के लिए गर्व की बात है।
कटिहार जिले में विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यहां अपराध और विवाद का दौर खत्म हो चुका है। जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, महिला आईटीआई, जीएनएम, पारा मेडिकल संस्थान, सड़कों और पुलों का जाल बिछाया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कटाव निरोधक कार्य कराए गए हैं ताकि लोगों को स्थायी राहत मिल सके।
कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का फूलों की माला, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। कार्यक्रम में विधायक तारकिशोर प्रसाद, विजय कुमार मंडल, नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल, अजय कुमार अग्रवाल, मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, मंत्री लेसी सिंह, पूर्व सांसद दुलालचंद्र गोस्वामी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।