पंचांग 26/05/2024 • May 26, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 26/05/2024 • May 26, 2024
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष तृतीया, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | तृतीया तिथि 06:06 PM तक उपरांत चतुर्थी | नक्षत्र मूल 10:36 AM तक उपरांत पूर्वाषाढ़ा | साध्य योग 08:30 AM तक, उसके बाद शुभ योग | करण वणिज 06:35 AM तक, बाद विष्टि 06:06 PM तक, बाद बव |

मई 26 रविवार को राहु 04:48 PM से 06:29 PM तक है | चन्द्रमा धनु राशि पर संचार करेगा

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