पंचांग 22/05/2024 • May 22, 2024

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पंचांग का उपयोग और महत्व
पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

पंचांग पढ़ने से जीवन के महत्वपूर्ण पलों को शुभ फलदायी बना सकते है |

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पंचांग 22/05/2024 • May 22, 2024
बैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), बैशाख | चतुर्दशी तिथि 06:48 PM तक उपरांत पूर्णिमा | नक्षत्र स्वाति 07:46 AM तक उपरांत विशाखा | वरीयान योग 12:37 PM तक, उसके बाद परिघ योग | करण गर 06:18 AM तक, बाद वणिज 06:48 PM तक, बाद विष्टि |
मई 22 बुधवार को राहु 11:46 AM से 01:26 PM तक है | 02:55 AM तक चन्द्रमा तुला उपरांत वृश्चिक राशि पर संचार करेगा |

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