नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी फरवरी में पेरिस की यात्रा करेंगे, जिसका उद्देश्य भारत और फ्रांस के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी और समुद्री सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करना है। इस यात्रा के दौरान, 10 बिलियन डॉलर से अधिक के दो ऐतिहासिक रक्षा समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, जो भारत की रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
इन समझौतों में भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद शामिल है। इन सौदों को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) से मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा। राफेल-एम लड़ाकू विमान भारत की नौसैनिक वायुशक्ति को मजबूत करेंगे, जबकि स्कॉर्पीन पनडुब्बियां समुद्र के भीतर भारत की युद्ध क्षमता को काफी हद तक बढ़ाएंगी।
रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ, इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी में भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री मोदी पेरिस में आयोजित एक प्रतिष्ठित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वे भारत की एआई इनोवेशन में प्रगति को प्रदर्शित करेंगे और फ्रांस व अन्य वैश्विक साझेदारों के साथ संयुक्त अनुसंधान और विकास के नए अवसरों का पता लगाएंगे।
यह यात्रा भारत और फ्रांस के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी को और गहरा करेगी, जो आपसी विश्वास और रणनीतिक हितों पर आधारित है। प्रस्तावित समझौते रक्षा सहयोग को मजबूत करेंगे और उन्नत तकनीक के आदान-प्रदान का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जिससे भारत एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करेगा।