राजस्व महा-अभियान के कारण राजस्व कर्मियों के तबादलों और अनुशासनात्मक कार्रवाई पर लगी रोक

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पटना, 21 अगस्त 2025 — बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने चल रहे ‘राजस्व महा-अभियान’ की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब अभियान की अवधि के दौरान राजस्व कर्मचारियों के तबादलों और अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। यह कदम रैयतों (जमीन मालिकों) को समय पर सेवा प्रदान करने और शिविरों के कामकाज में तेजी लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी मंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर यह स्पष्ट किया है।

पुराने हलके में ही रहेंगे राजस्व कर्मचारी

पत्र में कहा गया है कि हाल ही में जिन राजस्व कर्मचारियों का एक अंचल से दूसरे अंचल में स्थानांतरण हुआ है, उन्हें फिलहाल उनके पुराने हलके (कार्यक्षेत्र) में ही प्रतिनियुक्त किया जाए। इसका कारण यह है कि नए हलके से परिचित न होने के कारण जमाबंदी वितरण और शिविरों में आवेदन लेने में कठिनाई और देरी हो रही है।

20 सितंबर तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं

अभियान की सफलता में किसी भी बाधा से बचने के लिए, यह भी निर्देश दिया गया है कि 20 सितंबर तक कोई भी निलंबन या अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी, जब तक कि स्थिति अत्यंत अपरिहार्य न हो। विभाग का मानना है कि इस अवधि के दौरान की गई कार्रवाई से नकारात्मक तत्व सक्रिय हो सकते हैं और अभियान की गति को प्रभावित कर सकते हैं। सभी जिलाधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

अभियान का उद्देश्य

यह राजस्व महा-अभियान 16 अगस्त से शुरू हुआ है और 20 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान पंचायत स्तर पर लगाए गए शिविरों में निम्नलिखित कार्यों के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं:

  • जमाबंदी में गलती सुधार
  • बंटवारा नामांतरण
  • उत्तराधिकार नामांतरण
  • ऑफलाइन जमाबंदियों को ऑनलाइन करना

इसके अतिरिक्त, रैयतों को उनके पंचायत में जमाबंदी की प्रति भी वितरित की जा रही है। अंचल का माइक्रो प्लान और आवेदन पत्र विभाग के पोर्टल पर भी उपलब्ध हैं।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि यह अभियान राज्य सरकार की प्राथमिकता का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक बाधाओं को दूर कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर रैयत को बिना किसी कठिनाई के समय पर सेवा मिले। यह अभियान आम रैयतों को राजस्व मामलों में सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।

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Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher