Anjaan Jee
Editor in Chief & Publisher
पटना, 02 सितंबर, 2025 – जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर, राजस्व सर्वेक्षण (प्रशिक्षण) संस्थान, शास्त्रीनगर में एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा का मुख्य विषय सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं जैसे तालाब, पोखर, आहर और पईनों को अतिक्रमणमुक्त करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव श्री जय सिंह ने किया। उन्होंने जल-जीवन-हरियाली अभियान की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले छह वर्षों में 15 विभागों के समन्वित प्रयासों से इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अभियान के सभी 11 घटकों पर गंभीरता से काम किया जा रहा है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष सचिव श्री अरुण कुमार सिंह ने इस दौरान पौधरोपण, आधुनिक सिंचाई और जल संरचनाओं को अतिक्रमण से मुक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
अपर सचिव डॉ. महेंद्र पाल ने कहा कि यद्यपि इस दिशा में संतोषजनक कार्य हुआ है, लेकिन इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर बेहतर प्रयास करने होंगे, ताकि आने वाली पीढ़ियों को जल संकट से बचाया जा सके।
जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन उप निदेशक श्री राम कुमार पोद्दार ने 2 अक्टूबर, 2019 को शुरू हुए इस अभियान की उपलब्धियों और चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि छह साल में यह अभियान राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सराहा गया है और बिहार ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में हो रहे कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी पल्लवी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव आजीव वत्सराज ने किया।