Anjaan Jee –
Editor in Chief & Publisher
पटना, 8 सितंबर 2025 – अपनी 11 प्रमुख मांगों को लेकर बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति ने आज पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर ‘आक्रोश दिवस’ का आयोजन किया। इस प्रदर्शन में बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन (एटक) के कुमार विन्देश्वर सिंह, बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका एवं कर्मचारी संघ (सीटू) की अनिता झा, बिहार राज्य आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन (एक्टू) की कुमारी रंजना यादव और अखिल भारतीय आंगनवाड़ी कर्मचारी महासभा की सविता कुमारी यादव ने अपनी बातों को सरकार के सामने रखा।
प्रमुख मांगें और प्रदर्शन का कारण
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देना, और सरकार द्वारा सेविकाओं के लिए ₹15,000 और सहायिकाओं के लिए ₹10,000 का अतिरिक्त मानदेय स्वीकृत करना शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ग्रेच्युटी का तुरंत भुगतान सुनिश्चित करने की भी मांग की।
अन्य मांगों में शामिल हैं:
- FRS की समस्याएं: उच्च गुणवत्ता वाला 5G मोबाइल दिया जाए और FRS में आ रही समस्याओं के समाधान होने तक पुराने तरीके से ही टीएचआर (पोषाहार) वितरण की अनुमति दी जाए।
- वेतन और पदोन्नति: पोषाहार के लिए बाजार मूल्य पर भुगतान, और हड़ताल की अवधि को सेवा निरंतरता मानते हुए सेविकाओं को महिला पर्यवेक्षिका के पद पर पदोन्नति के लिए अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
- तकनीकी और अनुकंपा लाभ: प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर कंप्यूटर ऑपरेटर की बहाली हो, अतिरिक्त केंद्र का प्रभार लेने पर अतिरिक्त पारिश्रमिक मिले, और अनुकंपा का लाभ दिया जाए।
- सेवानिवृत्ति और चुनाव: अन्य राज्यों की तरह सेवानिवृत्त होने पर सम्मानजनक एकमुश्त राशि की स्वीकृति दी जाए, और चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा देने की बाध्यता खत्म की जाए।
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती है, तो वे आगे भी अपना आंदोलन जारी रखेंगे।।