Anjaan Jee : Editor in Chief & Publisher
बोकारो थर्मल में डीवीसी पावर प्लांट के सप्लाई मजदूर अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। संयुक्त मोर्चा के बैनर तले शुक्रवार को भरत यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मजदूरों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया। इसका अंतिम चरण 30 अक्टूबर को एक दिवसीय ‘टूल डाउन’ यानी कार्य बहिष्कार हड़ताल के रूप में होगा। मजदूरों का गुस्सा इस समय चरम पर है।
बैठक के दौरान मोर्चा नेताओं ने डीवीसी प्रबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन समझौते का उल्लंघन कर रहा है और सप्लाई मजदूरों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है। मजदूरों में खास तौर पर नाराजगी इस बात को लेकर है कि पिछले दो दिनों में उनके आवासों की बिजली काट दी गई, जिससे पूरे परिसर में रोष फैल गया है।
संयुक्त मोर्चा ने स्पष्ट किया कि सप्लाई मजदूरों को डीवीसी के स्थायी कर्मचारियों के समान सुविधाएं चाहिए। उन्होंने छह प्रमुख मांगें रखी हैं — प्रीपेड स्मार्ट मीटर को पोस्टपेड में बदलना, बिजली बिल को मासिक वेतन से समायोजित करना, स्थायी कर्मियों की तरह बिजली भत्ता देना, विवादित स्मार्ट मीटर बिल को निरस्त करना, समान मूल वेतन पर इंसेंटिव देना और 2019 के त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार चिकित्सा सुविधा सहित अन्य लाभ प्रदान करना।
नेताओं ने कहा कि पूर्व में भी ज्ञापन सौंपकर आंदोलन को स्थगित किया गया था, लेकिन प्रबंधन की ओर से दिए गए आश्वासन के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब मजदूरों ने संघर्ष का नया खाका तैयार कर लिया है। 14 अक्टूबर को एडीएम भवन स्थित डीजीएम कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर मांग पत्र सौंपा जाएगा। यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो 30 अक्टूबर को एक दिवसीय ‘टूल डाउन’ हड़ताल के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की औपचारिक सूचना दी जाएगी।
बैठक में डीवीसी ठेका मजदूर संघ के महामंत्री भरत यादव, संजय मिश्रा, यूनाइटेड कॉन्ट्रैक्टर वर्कर्स यूनियन के ब्रजकिशोर सिंह, नवीन कुमार पाठक, असीम तिवारी, हिंद मजदूर किसान यूनियन के नागेश्वर महतो, झारखंड श्रमिक संघ के रीतलाल महतो और विष्णु गोस्वामी सहित कई यूनियन प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभी ने एक सुर में चेतावनी दी कि जब तक सप्लाई मजदूरों को समान अधिकार और सम्मान नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा।