मॉस्को फ़ैशन वीक में भारत का बोलबाला: शांतनु और निखिल समेत कई डिज़ाइनर्स ने पेश किए कलेक्शन

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Anjaan Jee :
Editor in Chief & Publisher

मॉस्को, 21 सितंबर 2025 – मॉस्को फ़ैशन वीक का हाल ही में सफलतापूर्वक समापन हुआ, जिसने अंतर्राष्ट्रीय फ़ैशन जगत में अपनी एक मज़बूत पहचान बनाई है। इस आयोजन में 13 देशों के डिज़ाइनर्स ने अपने कलेक्शन पेश किए, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व विशेष रूप से सशक्त और प्रभावशाली रहा। भारत से आए डिज़ाइनर्स ने अंतर्राष्ट्रीय फ़ैशन संवाद को बढ़ावा दिया।

मशहूर भारतीय डिज़ाइनर ब्रांड शांतनु और निखिल ने अपने पहले ऑल-वीमेन क्यूट्योर कलेक्शन ‘आर्मर‘ को पेश किया, जो फ़ैशन वीक का एक बड़ा आकर्षण था। 1930 के दशक से प्रेरित इस कलेक्शन में शानदार आर्किटेक्चरल सिल्हूट और खूबसूरत हाथ की कढ़ाई का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला।

डिज़ाइनर्स निखिल और शांतनु मेहरा ने कहा कि मॉस्को फ़ैशन वीक में हिस्सा लेना उनके ब्रांड के लिए रूस के बाज़ार में अपनी पहचान बनाने का एक शानदार मौका था। इसके अलावा, डिज़ाइनर पवन सचदेवा ने अपने शहरी और स्टाइलिश डिज़ाइन से युवा खरीदारों और दर्शकों का ध्यान खींचा।

यह आयोजन सिर्फ़ भारतीय डिज़ाइनर्स तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसने रूसी और अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाओं को भी एक बेहतरीन मंच दिया।

  • रूसी डिज़ाइनर्स: इयानिस चामलीडी (Ianis Chamalidy) ने अपनी कठोर और सरल डिज़ाइन पेश की, जबकि किस्सेलेन्को (Kisselenko) ने पूर्वी संस्कृति से प्रेरित कपड़ों को प्रदर्शित किया।
  • अंतर्राष्ट्रीय डिज़ाइनर्स: अफ़्रीका के प्रमुख कॉटूरियर डेविड ट्लाले (David Tlale) और तुर्की के मशहूर डिज़ाइनर एमरे एर्देमोग्लु (Emre Erdemoğlu) की मौजूदगी ने इस इवेंट की वैश्विक पहुँच को और भी बढ़ाया।

मॉस्को फ़ैशन वीक के साथ आयोजित BRICS+ फ़ैशन शिखर सम्मेलन भी एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक आयोजन साबित हुआ। ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य होने के नाते, भारत ने इस सम्मेलन में एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भेजा।

फ़ैशन डिज़ाइन काउंसिल ऑफ़ इंडिया (FDCI) के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के सदस्य पवन सचदेवा ने दोनों आयोजनों में भाग लिया। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम फ़ैशन इंडस्ट्री में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करते हैं, जिससे पारंपरिक तकनीकों और स्थानीय पैटर्न्स को वैश्विक मंच पर पहचान मिलती है।

इस इवेंट ने मॉस्को को एक उभरते हुए फ़ैशन हब और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के मंच के रूप में स्थापित किया है। यह भारत जैसे देशों के लिए वैश्विक बाज़ारों के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।