डीवीसी में 57 दिनों से चक्का जाम, बिजली संकट का खतरा

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Anjaan Jee –
Editor in Chief & Publisher

बोकारो थर्मल, 11 सितंबर 2025 – बोकारो थर्मल डीवीसी पावर प्लांट में बेरमो हाइवा कोयलांचल ऑनर एसोसिएशन और विस्थापितों का चक्का जाम आंदोलन पिछले 57 दिनों से जारी है, जिससे राख (ऐश) ट्रांसपोर्टिंग का काम पूरी तरह ठप हो गया है। इस गतिरोध के कारण बिजली संकट की आशंका बढ़ गई है, क्योंकि अगर जल्द ही राख का उठाव शुरू नहीं हुआ, तो 10 दिनों के भीतर 500 मेगावाट का ‘ए’ पावर प्लांट बंद करना पड़ सकता है।

आंदोलनकारियों की मांगें

एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलाबचंद महतो का आरोप है कि बाहर की ट्रांसपोर्ट कंपनियाँ कम दरों पर टेंडर लेकर ओवरलोडिंग करती हैं, जिससे स्थानीय वाहन मालिकों को नुकसान होता है। उनकी मुख्य मांगें हैं:

  • राख ट्रांसपोर्ट के लिए नया टेंडर निकाला जाए।
  • प्रति टन प्रति किलोमीटर भाड़े में ₹10 की बढ़ोतरी की जाए।
  • ओवरलोडिंग पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।

डीवीसी प्रबंधन की मजबूरी

डीवीसी प्रबंधन का कहना है कि वे इस मामले में लाचार हैं। डीवीसी के वरीय जीएम ओएंडएम मधुकर श्रीवास्तव ने बताया कि राख के उठाव के लिए टेंडर ऑल इंडिया स्तर पर डीवीसी और जीईएम पोर्टल पर जारी होते हैं। टेंडर सबसे कम बोली (L1) लगाने वाली कंपनी को मिलता है। ऐसे में, यह संभव नहीं है कि प्रबंधन आंदोलनकारियों की ₹10 प्रति टन की मांग को पूरा कर सके।

श्रीवास्तव ने आंदोलनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐश पौंड भर गए, तो उन्हें मजबूरन पावर प्लांट बंद करना पड़ेगा, जिसका सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ेगा। उन्होंने राष्ट्रहित और निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए आंदोलन समाप्त करने की अपील की। इस दौरान, एसोसिएशन के कई सदस्य और विस्थापित संगठनों के नेता मौजूद थे।