आशा लता केंद्र में उमड़ी संवेदनाओं की लहर, उपायुक्त अजय नाथ झा ने बदली समाज की सोच

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Anjaan Jee : Editor in Chief & Publisher

बोकारो, 10 अक्टूबर, 2025 : आज बोकारो के सेक्टर-05 स्थित आशा लता केंद्र में आयोजित “प्रतिभा सम्मान समारोह” ने हर दिल को छू लिया। यह सिर्फ एक औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि मानवता, संवेदना और आत्मबल का जीवंत उत्सव बन गया। कार्यक्रम में उपायुक्त अजय नाथ झा ने दिव्यांग बच्चों के साथ घंटों समय बिताया। उनके उत्साह, निस्वार्थ मुस्कान और जीवन के प्रति अटूट जिजीविषा ने सभी उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया।

अजय नाथ झा ने अपने प्रेरक संबोधन में समाज की पुरानी सोच को चुनौती देते हुए कहा कि इन बच्चों के चेहरों की मुस्कान दया की नहीं, बल्कि उनके साहस, आत्मविश्वास और संकल्प की गवाही है। उन्होंने कहा कि समाज को दिव्यांगों के प्रति दया नहीं, बल्कि अधिकार और सम्मान का भाव रखना चाहिए। जब हम किसी को दया की दृष्टि से देखते हैं, तो उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाते हैं। उन्होंने दोहराया कि ये बच्चे हमारे समाज के उतने ही सशक्त हिस्से हैं, जितने हम सभी हैं।

समारोह में मैट्रिक और इंटर के उन मेधावी छात्रों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद उत्कृष्ट सफलता हासिल की। उपायुक्त ने मेडल और उपहार प्रदान कर उनके हौसले को सलाम किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि सफलता का असली अर्थ यही है — जब परिस्थितियाँ आपको रोक नहीं पातीं। अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका को सराहते हुए उन्होंने कहा कि ईश्वर ने उन्हें विशेष जिम्मेदारी दी है, और उनकी सेवा सर्वोच्च साधना के समान है।

भावनाओं से भरे इस अवसर पर उपायुक्त ने केंद्र के निदेशक भवानी शंकर जायसवाल, शिक्षकों और कर्मचारियों के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि ईश्वर साधना है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से निर्देश दिया कि जिन बच्चों का दिव्यांग प्रमाण पत्र लंबित है, उसे 48 घंटे के भीतर जारी किया जाए और दिव्यांग पेंशन स्वीकृत की जाए। उन्होंने आशा लता केंद्र को हरसंभव सहयोग का आश्वासन देते हुए स्कूल की मान्यता और दिव्यांगों के लिए कॉलेज स्थापना की दिशा में सकारात्मक पहल का भरोसा दिलाया।

कार्यक्रम के दौरान अजय नाथ झा ने बच्चों के साथ भावनात्मक पल साझा किए, उनकी कला और रचनात्मकता को सराहा और उन्हें चॉकलेट बांटे। बच्चों के चेहरों की चमक और हंसी ने पूरे परिसर को उल्लास से भर दिया। इस अवसर पर सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा पीयूष, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

यह कार्यक्रम न केवल सम्मान का प्रतीक बना, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि संवेदना और समानता से भरा समाज ही वास्तविक विकास की दिशा में अग्रसर हो सकता है।

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