आज, शुक्रवार से ज्येष्ठ माह हो रहा है बड़ा मंगल. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व है. इस महीने में हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा – अर्चना की जाती है. इस महीने के प्रत्येक मंगल को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल कहा जाता है. ज्येष्ठ माह के मंगल को बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुख कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है. व्यक्ति पर विशेष कृपा होती है.
प्रतिपदा तिथि 23 मई, गुरुवार, सायं 07:23 बजे से 24 मई, शुक्रवार सायं 07: 25 तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार ज्येष्ठ माह 24 मई से आरंभ हो रहा है. ज्येष्ठ माह में पहला बुढ़वा मंगल 28 मई, दूसरा मंगल 4 जून, तीसरा मंगल 11 जून और चौथा बड़ा मंगल 18 जून को पड़ेगा. ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगल का विशेष महत्व है. इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंगबाण का पाठ करने और सुंदरकांड को पढ़ने से भक्तों को हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यदि आपकी कोई मनोकामना अधूरी है तो बुढ़वा मंगल के दिन हनुमानजी के मंदिर में चोला चढ़ाने से आपकी सारी अधूरी इच्छाएं पूर्ण होंगी और आपको पुण्य की प्राप्ति होगी.
क्यों होती है बूढ़े हनुमान जी की आराधना ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बुढ़वा मंगल महाभारत काल और रामायण काल से जुड़ा हुआ माना जाता है. महाभारत काल की कथा के अनुसार भीम को अपनी शक्तियों का काफी घमंड हो गया था. भीम का घमंड चूर-चूर करने के लिए हनुमानजी ने मंगलवार को बूढ़े बंदर का रूप धारण किया और भीम को हरा दिया. तभी से इस दिन को बूढ़ा मंगल के नाम से मनाया जाने लगा.
वहीं रामायण काल में एक बार सीता मां को खोजते हुए जब हनुमानजी लंका पहुंचे तो रावण ने बंदर कहकर उनका अपमान किया. रावण के घमंड को चकनाचूर करने के लिए भी हनुमानजी ने वृद्ध वानर का रूप धारण किया था. बजरंगबली ने विराट रूप धारण किया और अपनी पूंछ से लंका को जलाकर लंकापति रावण का घमंड चकनाचूर किया था.
ज्योतिषी संतोषाचार्य
ज्योतिष विशारद एवं वास्तु आचार्य
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