भवन निर्माण विभाग कर रहा 21 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय 2 उच्च विद्यालयों का निर्माण

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पटना, 01 अप्रैल, 2025: भवन निर्माण विभाग, बिहार द्वारा राज्य में 973.40 करोड़ रुपये की लागत से 520 सीटों वाले 21 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय 2 उच्च विद्यालयों का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से कैमूर, जहानाबाद, खगड़िया, शेखपुरा और सुपौल में 520 सीटों वाले अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय 2 उच्च विद्यालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। अन्य 16 विद्यालयों का निर्माण कार्य अभी जारी है।

भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि ने जानकारी दी कि अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 520 सीटों वाले अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय 2 उच्च विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाकी विद्यालयों का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है और इन्हें जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इन विद्यालयों में छात्राओं के पठन-पाठन और सभी सुविधाओं से युक्त छात्रावास की व्यवस्था रहेगी। इसके अतिरिक्त, शैक्षणिक एवं अन्य कर्मचारियों के लिए भी आवासीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इन आवासीय विद्यालयों के अलावा भवन निर्माण विभाग 100 सीटों वाले और 50 सीटों वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावासों का भी निर्माण कर रहा है। वैशाली, लखीसराय और मधुबनी में 100 सीटों वाले अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

520 सीटों वाले अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय 2 उच्च विद्यालय में शैक्षणिक सह प्रशासनिक भवन (ब्लॉक 2) के अलावा दो बालिका छात्रावास (जी 3) और शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए क्वार्टर (जी 3) एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए आवास हेतु क्वार्टर (ब्लॉक 3) का निर्माण किया जा रहा है। भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 141633 वर्गफीट है। इसके साथ ही चहारदीवारी का भी निर्माण किया जा रहा है। भोजपुर, अररिया, अरवल, बक्सर, गोपालगंज, लखीसराय, नवादा समेत अन्य स्थानों पर अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय 2 उच्च विद्यालयों का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है।

इन विद्यालयों का उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के शैक्षणिक पिछड़ेपन को दूर करना है। बिहार सरकार द्वारा इन विद्यालयों का निर्माण करके शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने का समुचित प्रयास किया जा रहा है। इन विद्यालयों के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं को उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।


संतोष श्रीवास्तव “अंजान जी”

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