सीसीएल में करोड़ों का पीएफ घोटाला

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Rajesh Mohan Sahay : News Editor (Ranchi)

मृत कर्मियों के आश्रितों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर की गई बंदरबांट, अब सीबीआई करेगी जांच

रांची/रामगढ़: कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) में मृत कर्मियों के आश्रितों के भविष्य निधि (PF) के करोड़ों रुपए के गबन का मामला सामने आया है। घोटाले का खुलासा तब हुआ जब जांच में पाया गया कि मृत कर्मचारियों के नाम पर 44 फर्जी बैंक खाते खोलकर उनकी पीएफ राशि की अवैध बंदरबांट की गई। अब इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई है।

सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो, रांची ने इस घोटाले में छह नामजद आरोपियों और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आरोपियों में रामगढ़ के कॉरपोरेशन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक संजय कुमार सिंह, त्रिपुरारी कुमार, उनकी पत्नी नूतन देवी, विनोद कुमार, अजय प्रसाद और उनकी पत्नी सुषमा देवी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने 24 अगस्त 2021 को दर्ज रामगढ़ थाना केस नंबर 250/2021 को टेकओवर कर 30 जून 2025 को अपनी प्राथमिकी दर्ज की। इस केस की निगरानी एएसपी सुधांशु शेखर को सौंपी गई है।

घोटाले की शुरुआत उस समय हुई जब देवघर निवासी पीयूष कुमार श्रीवास्तव ने 24 अगस्त 2021 को रामगढ़ थाना में एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि कॉरपोरेशन बैंक, रामगढ़ में फर्जी तरीके से 44 बैंक खाते खोले गए, जिनके जरिये मृत कर्मियों के आश्रितों के नाम पर पीएफ की राशि बिचौलियों और बैंक-कर्मचारियों की मिलीभगत से निकाल ली गई।

जांच में यह भी सामने आया कि बैंक अधिकारियों, सीसीएल के कुछ कर्मचारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से भविष्य निधि के करोड़ों रुपए का गबन हुआ। इसी मामले में पहले भी सीबीआई ने 30 सितंबर 2019 को विनोद कुमार, त्रिपुरारी कुमार, नूतन देवी और संजय सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

इस बीच, रामगढ़ एसपी ने 18 अप्रैल 2025 को सीबीआई को पत्र लिखकर मामले की गंभीरता और व्यापकता को देखते हुए इसकी जांच अपने हाथ में लेने का आग्रह किया था। अब सीबीआई इस घोटाले की गहराई से जांच कर रही है, और संभावना है कि जल्द ही इसमें शामिल अन्य लोगों की भूमिका भी उजागर हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, यह घोटाला कई सालों तक चलता रहा, जिसमें मृत कर्मियों के आश्रितों को उनके हक का पैसा नहीं मिला और बैंक तथा बिचौलियों ने फर्जी खातों के जरिये पूरी राशि हड़प ली। सीबीआई अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या सीसीएल के उच्च अधिकारियों की भी इसमें संलिप्तता रही है।