सीसीएल आम्रपाली परियोजना में फर्जीवाड़ा

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Rajesh Mohan Sahay : News Editor (Ranchi)

फर्जी दस्तावेजों पर बंटा मुआवजा और नौकरी, असली रैयतों को मिली गालियां, अब सीआईडी जांच शुरू

चतरा : सीसीएल की आम्रपाली परियोजना में मुआवजा और नौकरी के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि अंचल कार्यालय और सीसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी लोगों को लाभ दिया गया, जबकि असली रैयतों को न केवल अधिकारों से वंचित किया गया, बल्कि विरोध करने पर उन्हें गाली-गलौज और धक्का-मुक्की तक झेलनी पड़ी। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब सीआईडी ने जांच अपने हाथ में ले ली है।

सूत्रों के अनुसार, टंडवा स्थित आम्रपाली परियोजना में कई फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर अवैध रूप से नौकरी और मुआवजा वितरित किया गया। जब असली रैयतों ने इसका विरोध किया, तो उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ। इसी संदर्भ में नौडीहा निवासी परमेश्वर गंझू ने 19 जून 2024 को टंडवा थाने में तत्कालीन महाप्रबंधक अमरेश कुमार सिंह के खिलाफ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी।

इस बीच, सिमरिया के एसडीओ की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में अंचल कार्यालय और सीसीएल अधिकारियों की मिलीभगत से हुए जालसाजी का खुलासा किया। रिपोर्ट में पाया गया कि फर्जी वंशावली प्रमाण पत्र, भूमि सत्यापन और नक्शों में छेड़छाड़ कर कई लोगों को नौकरी और मुआवजा दिलाया गया।

जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वैभव कुमार सिंह ने इसी रिपोर्ट के आधार पर 29 मार्च 2025 को टंडवा थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसे अब सीआईडी ने टेकओवर कर लिया है। जांच एजेंसी ने मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है और संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होंगे।

अब तक की जांच में करीब 22 लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाभ उठाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि वंशावली और स्वामित्व से जुड़े दस्तावेजों में हेराफेरी कर सीसीएल से अवैध नियुक्ति और मुआवजा प्राप्त किया गया।

परमेश्वर गंझू की शिकायत में यह भी आरोप है कि 15 जून 2024 को जब वे अपनी जमीन देखने गए, तो पाया कि सीसीएल उनकी जमीन पर अवैध सड़क निर्माण करवा रहा है। विरोध करने पर उन्हें जीएम कार्यालय बुलाया गया, जहां कथित रूप से जातिसूचक शब्दों के साथ गाली-गलौज की गई और उग्रवादी केस में फंसाने की धमकी दी गई।

टंडवा पुलिस इस मामले की जांच कर ही रही थी कि जालसाजी से जुड़ी दूसरी प्राथमिकी दर्ज हो गई। अब दोनों मामलों की जांच सीआईडी अपने अधीन लेकर कर रही है। जांच में फर्जीवाड़े की कई परतें खुलने की उम्मीद जताई जा रही है।